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‘अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करे रेरा’


‘अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करे रेरा’
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एक मई को रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (RERA) लागू होने के बाद भी राज्य भर में फैली अनेक बोगस कंस्ट्रक्शन कंपनी अभी भी घर, जमीन, बंगलो को अवैध रूप से झूठे विज्ञापन द्वारा बेच रही हैं। आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुम्भार ने रेरा के अध्यक्ष गौतम चटर्जी के पास शिकायत कर इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। यही नहीं कुम्भार ने टेंपल रोज रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और उसी की रोज सिटी योजना पर भी ग्राहकों को फंसाने का आरोप लगाया और कार्रवाई करने की विनती की।

रेरा कानून के अनुसार जो परियोजनाएं रेरा लागू होने के पहले शुरू हो गई थी उन परियोजनाओ को रेरा में पंजीकृत करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। साथ ही जिन परियोजनाओं को संबंधित अधिकारियों ने आधिकारिक मंजुरी दे दी थी उनको भी पंजीकृत करवाना होगा। यही नहीं पंजीकृत परियोजनाओं में निर्माण कार्य के दौरान कुछ शिकायत भी मिलती है तो बिल्डर पर कड़ी कार्रवाई भी करने का प्रावधान है।

आपको बता दें कि घर खरीदारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया रेरा कानून पूरे देश में लागू हो गया है। रेरा कानून यानि रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक कोई भी प्रोजेक्ट बिना रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की मंजूरी के लॉन्च नहीं किया जा सकेगा। बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन किए प्रोजेक्ट की बिक्री नहीं शुरू होगी, प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी होने पर पेनाल्टी भरनी होगी और खरीदारों से जो पैसा मिलेगा उसका 70 फीसदी कंस्ट्रक्शन वर्क पर खर्च किया जाएगा। इस तरीके से खरीदारों को कई तरह से सुरक्षा मिलेगी। लेकिन रेरा का फायदा फिलहाल 32 में से सिर्फ 12 राज्यों के लोगों को होगा।

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