सेल्फी का फीवर हरेक उम्र के लोगों पर सिर चढ़कर बोल रहा है। हर कोई बेहतर से बेहतर सेल्फी लेना चाहता है। पर उन्हें पता नहीं है कि सेल्फी का यह क्रेज उन्हें मौत के दरवाजे तक भी ले जा सकता है। सेल्फी के चक्कर में दुनियां भर में मौतें हो रही हैं। कोई बिल्डिंग से नीचे गिर जाता है, तो कोई ट्रेन के नीचे आता है, तो वहीं कई लोग समुद्र की लहरों में समा जाते हैं। और इस तरह से यह बन जाती है उनकी आखिरी सेल्फी।
खुद को अच्छा दिखाना हर किसी को अच्छा लगता है। पर इसके लिए जान की बाजी लगा देना कहां तक सही है? युवाओं में सेल्फी के बढ़ते क्रेज को देख स्मार्टफोन कंपनियां भी ज्यादा से ज्यादा फोकस सेल्फी कैमरे पर ही कर रही हैं। वहीं आपके सितारे आजा बेटा सेल्फी ले ले...और मैंने सेल्फी ले ली आज... जैसे गानों पर थिरकते नजर आते हैं। पुलिस, बीएमसी और एनजीओ खतरनाक सेल्फी के खिलाफ लगातार मुहिम चला रहे हैं। फिर भी हम बाज नहीं आते, इसमें किसी और का क्या हमारा खुद का नुकसान है, तो हमें चाहिए कि खुद को खतरे में डालकर सेल्फी कतई ना लें।
मंगलवार को सेल्फी ने एक 17 वर्षीय लड़की प्रीती पिसे की जान ले ली। प्रीती मुंबई की बारिश का लुत्फ उठाने मरीन ड्राइव पहुंची थी। मरीन ड्राइव मुंबई का बड़ा समुद्री किनारा है। वैसे तो हर समय यहां भीड़ रहती है। पर बारिश के वक्त यहां लोग बड़ी संख्या में नजर आते हैं। इस बारिश में भीगने और मस्ती करने प्रीती भी पहुंची। पर प्रीती के सेल्फी वाले शौख ने उसे मौत की गोद में सुला दिया। वह जिंदा घर वापस ना जा सकी।
सोमवार को बढ़ती लहरों को देख मुंबई के समुद्री किनारों पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था। फिर भी लोग इसकी परवाह किए बिना समुद्री की लहरों का लुत्फ उठाने समुद्र के पास पहुंचे। अगर प्रीती ने अलर्ट को सीरियसली लिया होता तो आज वह जिंदा होती।
यह पहली बार नहीं है जब सेल्फी का शौक मौत बना हो। पिछले साल जनवरी में तरन्नुम और उसे बचाने वाले रमेश ने भी अपनी जान बैंड स्टैंड के समुद्री किनारे पर गंवाई थी। तरन्नुम, कस्तूरी और नाजिया इनकी उम्र महज 18-19 साल थी। ये तीनो बैंड स्टैंड मस्ती करने पहुंची थी। सेल्फी लेते वक्त पैर फिसला और तरन्नुम को अपनी जान गवानी पड़ी।
इस घटना के बाद से मुंबई पुलिस काफी सतर्क हुई थी, जिस जिस समुद्री किनारों पर लोग सेल्फी लेते हैं, वहां पर सख्त नजर रखी जाने लगी। पुलिस के अलावा बीएमसी और एनजीओ भी लोगों को सेल्फी के खतरे से आगाह करते रहे हैं। पर खतरनाक सेल्फी का खेल खेलना हमने अभी भी बंद नहीं किया है।
Don't make 'taking a selfie' mean 'taking your own life' #SafeMonsoonTips pic.twitter.com/9YMYjapA78
— Mumbai Police (@MumbaiPolice) June 28, 2017
कई बार लाइफ गार्ड अपनी जान की बाजी लगाकर डूबते इंसान को बचाने की जद्दो जहद में जुट जाते हैं। 18 जून को तमिल खान, समित यादव, पंकज यादव तीनों दोस्त जुहू चौपाटी पहुंचे थे। समुद्र की लहर उन्हें बहाकर ले गई। मौके पर तैनात लाइफ गार्ड अभिषेक यादव, सोहेल मुलानी, सर्वेश ठाकुर, किरण गोसावी और संदीप मोरे ने जान की बाजी लगाकर इन्हें समुद्र में डूबने से बचाया।
अक्सा बीच पर तैनात लाइफ गार्ड नाथूराम सूर्यवंशी का कहना है कि, हम एक टाइम पर 8 लोग तैनात रहते हैं। हमारी नजर हमेशा समुद्री किनारों पर रहती है। अगर हम किसी को डूबता हुआ देखते हैं। तो बिना देरी किए उसे बचाने की जद्दोजहद में जुट जाते हैं। उस समय हमारा एक ही मकसद होता है डूबते को बचाना। कई बार डूबने वाले इंसान हमारे ऊपर ही पूरा वजन रख लेते हैं। पर हम उसका हाथ पकड़कर लाइफ जैकेट में वजन देने के लिए कहते हैं और उसे सुरक्षित बाहर लेकर आते हैं।
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