हम रोजमर्रा के जीवन में ना जाने कितने बार चाय का सेवन करते है, मुंबई और आसपास के इलाको में समोसा तो इतना मशहुर है की चाहे ना चाहे कोई भी शख्स ऐसा नहीं होगा जिसने समोसा ना खाया हो। लेकिन क्या आपको पता है की सारे खाने मुल रुप से विदेशी है। हम आपको बताते है कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के नाम जो हमें लगते तो देशा है पर मुलरुप से इनकी शुरुआत विदेशों में हुई थी।
1 )समोसा
समोसा एक ऐसा खाद्य पदार्थ जो हर भारतीय ने कभी ना कभी एक बार अपने जीवन में जरुर खाया होगा। अक्सर कई पार्टियों में भी समोसा को गाहे बगाहे देखा जा सकता है। समोसा 14 वीं सदी में मुगलों के साथ भारत आया था । समोसा फारसी शब्द ” sanbosag ” से बना है।
2) चाय
चाय को लगभग - लगभग भारत में सभी लोग पिते है, बिना चाय के तो कई लोगों के दिन की शुरुआत भी नहीं होती है। भारत के उत्तर पूर्वी इलाको में चाय की पैदावार अधिक होती है। लेकिन चाय भी भारतीय खाद्य पदार्थ नहीं है। चाय को भारत में अंग्रेज लेकर आए थे। और तब से भारत के लोगों पर चाय का स्वाद कुछ युं चढ़ा की लोगों की दिन की शुरुआत ही इसके साथ होती है।
3 ) जलेबी
भारत में जलेबी के कई प्रकार मिलते है, उत्तर भारत में जलेबी को इमीरती भी कहा जाता है। जलेबी का नाम आते ही मुंह में पानी आ जाता है। जलेबी मूल रूप से अरबी और फारसी शब्द है। इसको फारसी आक्रमणकारियों भारत लाये थे ।
4) इडली
खाद्य पदार्थ इतिहासकार के टी आचार्य का मानना है की इडली मूल रूप से इंडोनेशिया की है। उनके अनुसार इंडोनेशिया के हिन्दू शासकों के अधीन काम करने वाले रसोइयों ने भाप में पका इडली इज़ाद किया होगा और फिर 800 से 1200 ई के बीच यह भारत पहुंचा होगा। तो वही कई लोग इस बात को भी मानते है की इडली अरब व्यापारी भारत में लेकर आए थे।
5) अचार
दरअसल जो अचार आज हम बड़े चाव से खाते है वह भी हमारी देन नही है। र्तगाली लोग शुरूआत में इसके लिए हल्दी और नमक का इस्तेमाल करते थे और आगे चलकर इसे आगे जाकर अचार के नाम से प्रसिद्धी मिली।
6) टमाटर
आज के जमाने में हम हर सब्जी में लगभग टमाटर का इस्तेमाल करते है। बिना टमाटर के किसी भी सब्जी को सोचना भी मुश्किल है , लेकिन टमाटर भी भारती य नहीं है। टमाटर 17 वीं सदी के आसपास भारत में स्पेन से लाया गया था।
7) गुलाब जामुन
गुलाब जामुन किसको नहीं पसंद है। लेकिन क्या आप जानते ही की यह भी देशी खाद्य पदार्थ नहीं है। गुलाब जामुन मूल रूप से पर्शियन है। फारस और भूमध्य सागर में लुकमात-अल-कदी के नाम से मशहूर है।
8) गेहू की रोटियां
वैसे तो हमारे देश में रोटियां ज्यादातर गेहू से ही बनाई जाती है , लेकिन सदियों पहले ऐसा नहीं था। संसार के सबसे प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद में गेहू का नाम नही है पर जौ ,सत्तू ,चलनी ,भाड़ और भडमुंजे की चर्चा है। ऐसा माना जाता है की गेहू की रोटी की शुरुआत डच और मिस्त्र से की गई थी।
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