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तुलसी विवाह से घर में आती है समृद्धि


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मुंबई - सद्गुरू कहते हैं कि देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाने वाला तुलसी विवाह विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक प्रसंग है। देवता जब जागते हैं, तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। इसीलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है। तुलसी विवाह का सीधा अर्थ है, तुलसी के माध्यम से भगवान का आवाहन। कार्तिक, शुक्ल पक्ष, एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव मनाया जाता है। आयोजन बिल्कुल वैसा ही होता है, जैसे हिन्दू रीति-रिवाज से सामान्य वर-वधु का विवाह किया जाता है। इस विवाह में शालिग्राम वर और तुलसी कन्या की भूमिका में होती है। शालिग्राम और तुलसी का विवाह भगवान विष्णु और महालक्ष्मी के विवाह का प्रतीकात्मक विवाह है। इस दिन तुलसी का विवाह करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।

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