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Exclusive Interview: डिजिटल के आने से व्यूज गेम में उलझा है आर्टिस्ट: म्यूजिक डायरेक्टर हैरी आनंद

साल 1999 में ‘सुबह आते ही जैसे’ एल्बम से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाले म्यूजिक डायरेक्टर, कंपोजर और राइटर हैरी आनंद ने ‘सजना है मुझे’, ‘जाने तेरी चाहत में’, ‘चढ़ती जवानी’ जैसे बेहतरीन एलबम्स में अपना म्यूजिक दिया है।

Exclusive Interview: डिजिटल के आने से व्यूज गेम में उलझा है आर्टिस्ट: म्यूजिक डायरेक्टर हैरी आनंद
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साल 1999 में ‘सुबह आते ही जैसे’ एल्बम से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाले म्यूजिक डायरेक्टर, कंपोजर और राइटर हैरी आनंद ने ‘सजना है मुझे’, ‘जाने तेरी चाहत में’, ‘चढ़ती जवानी’ जैसे बेहतरीन एलबम्स में अपना म्यूजिक दिया है। साथ ही उन्होंने हिंदी सिनेमा में चुनिंदा फिल्मों जैसे ‘जानी दुश्मन’, ‘यह है मोहब्बत’, ‘बिच्छु’ में भी म्यूजिक दिया है। हैरी आनंद के लिए राहत फतह अली खान से लेकर अंकित तिवारी, अरमान मलिक, नेहा कक्कर, सुखविंदर सिंह, सुनिधि चौहान और सोनू निगम जैसे सिंगर ने गाया है। एक बार फिर ‘तू आया ना’ सिंगल से हैरी आनंद धमाल मचाने को तैयार। यह गाना रिलीज हो गया है। जो कि पुलावामा अटैक में शहीद हुए जवानों को समर्पित है। हैरी आनंद ने एक खास मुलाकात में सिंगल से लेकर अपनी निजी जिंदगी पर भी नजर डाली।   

तू आया ना किसका आयडिया और इसकी जर्नी कैसे शुरु हुई?

वैसे तो म्यूजिक कंपोजर के पास एक स्टॉक होता है, या फिर खाली समय में हम कोई धुन बनाते हैं या कुछ लिखते रहते हैं। तो ऐसे ही मेरे पास ‘हरेक बूंद बारिश की, तेरी याद दिलाए’ की कुछ लाइन्स थी। जिस तरह से मैं 20 साल से मुंबई में हूं, उसी तरह बहुत लोग मुंबई में अलग अलग जगह से हैं और अपनी जन्मभूमि को हसेशा याद करते हैं और उनके प्रियजन भी उनके वापस आने का इंतजार करते हैं। इस तरह के कॉन्सेप्ट पर पहले भी मैंने कुछ गाने लिखे थे। इसी बीच मैं सुमित्रा (सिंगर, सुमित्रा देव बर्मन) से किसी के माध्यम से मिला। मैंने उनको इस बारे में बताया और जब उन्होंने इस गाने को गाकर सुनाया तो मैंने तय किया की चलो इसे पूरा करते हैं। इसके बाद ‘तू आया ना’ गाने से गणेश आचार्य जुड़े उनका ही आयडिया था कि यह गाना भारत के जवानों पर आधारित होना चाहिए।

कृष्णा अभिषेक को इससे पहले इस तरह के संजीदा रोल में देखा नहीं गया था, गाने में उनको लेने का किसका आयडिया था?

कृष्णा मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। पर मैंने भी उनकी यह संजीदा साइड बहुत ही कम देखी थी। हम फैमिली डिनर में साथ बैठते थे पर मैंने उनको कभी संदीदा नहीं देखा था। उनको गाने में लेने का आयडिया मास्टर जी (गणेश आचार्य) का था। उनका मानना था कि कृष्णा की लोकप्रियता काफी है और उन्हें लोगों ने इस अवतार में पहले नहीं देखा, तो लोगों में उन्हें देखने की एक जिज्ञासा भी जागेगी। इसके बाद इस गाने के आयडिया ने विस्तार रूप लिया और आज आप सबके सामने है।

मुंबई में इस समय बप्पा की धूम है, आपकी गणपति में कितनी श्रद्धा है?

मेरे हर काम का आरंभ गणेश भगवान की आराधना के साथ होता है। होना भी चाहिए, गणपति शुभ लाभ के प्रतीक हैं। मैं सभी को गणपति की शुभकामनाएं देता हूं, साथ ही सभी से ईको फ्रैंडली गणपति की अपील करता हूं। अगर हम पर्यावरण को लेकर जागृत नहीं हुए तो आने वाले 20 सालों में हालात गंभीर हो जाएंगे, सांस लेना मुश्किल होने लगेगा, समुद्र का पानी भी बहुत मैला हो जाएगा। हमारे देश में शिक्षित और अशिक्षित दो तबके हैं। जो पिछड़े हुए हैं, अशिक्षित है, उन तक हमें पहुंचना चाहिए और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरुक करना चाहिए। यह काम सोशल मीडिया के द्वारा नहीं होगा, हमें वहां जाना होगा, मिलकर उन्हें समझाना होगा।  

क्या लगता है डिजिटल ने पायरेसी को बढ़ाया है और आर्टिस्ट पर क्या असर पड़ा है?

पायरेसी एक ऐसी चीज है जो पूरी तरह से रुकना असंभव है। कहीं ना कहीं कॉपीराइट के नियमों का हर दिन उल्लंघन हो रहा है। इस समय देखा जाए तो आर्टिस्ट गुमराह है, उसे समझ ही नहीं रहा है यह क्या हो रहा है। एक सिंगर गाना बनाता है और वह गाना देता और अगले दिन वह गाना 1-2 घंटे में पूरी दुनियां में पहुंच जाता है और सैकड़ों मिलियन व्यूज आ जाते हैं। एक नया सिंगर एक दिन में पॉपुलर हो जाता है और जो सालों से गा रहे हैं जिसे राष्ट्रपति सम्मानित भी करते हैं, वे 5 हजार व्यूज में अटके हुए हैं। मैं बस श्रोताओं से यह कहना चाहूंगा कि आर्टिस्ट को व्यूज गेम के हिसाब से मत आंको, यह पश्चिमी देश से आई हुई चीज है। जिसे यूट्यूब ने इजाद किया है, यह आज नहीं तो कल जानी चाहिए, नहीं गई तो 100 फीसदी भविष्य अंधकार में है। सुखविंदर जैसे महान सिंगर के फॉलोवर्स 1 लाख भी नहीं हैं और दूसरों के 15-20 मिलियन व्यूज हैं।    

 

एक समय पर बॉलीवुड में सेमिक्लासिकल की भरमार थी पर अब नहीं, आपके जहन में इसे फिर से जगाने का विचार कैसे आया?

गाने का जो ठहराव होता है, वह काफी महत्वपूर्ण होता है। इस गाने की बहुत लाइट बीट है, पर जब देशभक्ति आती है तो फिर वह ग्रो हो जाता है। यही इस गाने की खूबसूरती है। सुमित्रा की आवाज में एक रेखा भारद्वाज जैसा भारीपन है, जिसने हमें सेमिक्लासिकल की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

आपके आगामी प्रोजेक्ट्स?

हाल ही में मैंने एक गाना मिस वर्ल्ड इंडिया और एक गाना मिस यूनिवर्स इंडिया के लिए किया है। एक गाने में मिस इंडिया भी आ रही हैं, मैं अभी उनका नाम नहीं लेना चाहूंगा। टी सीरीज के लिए मैंने पहले ही दो और गाने दे दिए हैं, सिर्फ अपलोड होने की देरी है। इसमें यूके के आर्टिस्ट रोमा और एच धामी हैं। सुमित्रा के साथ दो गाने और पाइपलाइन में हैं। इसके अलावा एक रीमिक्स हैं, साथ ही 2 फिल्म भी मेरी पाइपलाइन में हैं।


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