Advertisement

किरीट सोमैया का पत्ता गुल, शिवसेना ने लगाया एक तीर से दो निशाना?

अभी हाल ही में सांसदों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया था जिसमें किरीट सोमैया सांसद विकास निधि खर्च करने में सबसे अव्वल थे। पार्टी के प्रति ईमानदारी और निष्ठा दिखाने के बाद जिस तरह से उनका टिकट काटा गया उससे यही साबित होता है कि बीजेपी पूरी तरह से शिवसेना के दबाव में थी।

किरीट सोमैया का पत्ता गुल, शिवसेना ने लगाया एक तीर से दो निशाना?
SHARES

मुंबई की उत्तर-पूर्व सीट (mumbai north east) से बीजेपी सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) का टिकट कट गया है। राजनीतिक गलियों में उस बात की चर्चा बड़े जोर शोर से हैं कि किरीट को शिवसेना से दुश्मनी पालना महंगा पड़ गया। इसके बाद अब इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में लोकसभा 2019 के चुनाव में शिवसेना बीजेपी के बड़े भाई का रोल अदा कर रही है? अगर हाल के वाकये को देखा जाए तो इस कयास को बल मिलता दिखाई देता है। इस चुनावी गठबंधन में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन भले हो गया हो लेकिन चुनाव के पहले यही शिवसेना और बीजेपी एक दूसरे के खिलाफ जहर उगलते रहते थे, जिसे अभी तक लोग भूले नहीं हैं।  

अब मुंबई की छहों लोकसभा सीट पर बीजेपी-शिवसेना युति के उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। बुधवार को आखिर उत्तर-पूर्व सीट से भी बीजेपी ने मुलुंड से सांसद मनोज कोटक का नाम फाइनल कर दिया। इस सीट को लेकर जो पेंच फंसा था, वह था शिवसेना का किरीट सोमैया का तगड़ा विरोध! किरीट की उम्मीदवारी शिवसेना को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं था। शिवसेना ने तो यहाँ तक चेतावनी दिया था कि इस सीट से बीजेपी किरीट की उम्मीदवारी तय करती है तो वह भी इस सीट से उम्मीदवारी तय कर देगी। इसी पाशपेश में बीजेपी थी कि वह करे तो क्या करे? इसीलिए इस सीट के लिए नाम तय करने में  देर हो गयी।

गठबंधन से पहले दोनों पार्टियों के नेता और पदाधिकारी एक दूसरे के नेताओं के ऊपर कीचड़ उछाल रहे थे, शाब्दिक तीर छोड़ रहे थे, जो कि राजनीति में कोई नयी बात नहीं है। पीएम मोदी की हर नीति का शिवसेना के उद्धव ठाकरे खुले रूप से विरोध कर रहे थे। शिवसेना के मुखपत्र में 'सामना' में तो आए दिन मोदी सरकार के खिलाफ लेख लिखे होते थे। इतना कुछ होने के बाद भी बीजेपी शिवसेना के खिलाफ हेमशा खुल कर बोलने से बचती रही। यही नहीं बीजेपी के कर्णधार अमित शाह ने खुद नाराज उद्धव को मनाने 'मातोश्री' का चक्कर लगाया। इसके अलावा शिवसेना के इस 'बागी' तेवरों को देखने के बाद बीजेपी के कई नेताओं का मानना था कि पार्टी को इस बार शिवसेना से अलग हो जाना चाहिए लेकिन आलाकामन ने शायद ही कभी इस पर चर्चा की हो। 

लेकिन निष्ठा साबित करने और इन सब में किरीट सोमैया सबसे आगे निकल गए, उन्होंने बीएमसी पर एक के एक करप्शन के आरोप लगाना शुरू कर दिया। बीएमसी को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए वे मीडिया के सामने डॉक्युमेंट्स के साथ आने लगे। यही नहीं उन्होंने सीधे-सीधे उद्धव ठाकरे की हीसंपत्ति की जांच  की मांग कर दी। बताया जाता है कि इस बयान से खुद उद्धव भी काफी नाराज थे। लेकिन ये बयान आगे चल कर इतना महंगा पड़ने वाला है इस बात का जरा भी आभास शायद किरीट सोमैया को नहीं था।

अभी हाल ही में सांसदों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया था जिसमें किरीट सोमैया सांसद विकास निधि खर्च करने में सबसे अव्वल थे। पार्टी के प्रति ईमानदारी और निष्ठा दिखाने के बाद जिस तरह से उनका टिकट काटा गया उससे यही साबित होता है कि बीजेपी पूरी तरह से शिवसेना के दबाव में थी। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि किरीट की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी ने उन्हें  राज्यसभा भेजने का निर्णय ले सकती है, लेकिन हर पल बदलने वाले राजनीतिक परिदृश्य में भविष्य की बात पर भरोसा किसे है? 

राजनीतिक जानकारों की मानें तो शिवसेना ने एक तीर से दो निशाना साधा है। पहला यह कि शिवसेना ने जता दिया कि महाराष्ट्र में बड़ा भाई वही है और दूसरा यह कि भविष्य में अब शिवसेना के खिलाफ कोई भी नेता खुल कर बोलने से बचेगा।

एक और बात जो सामने आ रही है वो यह कि किरीट का भले ही स्थानीय लोगों के साथसंबंध अच्छे रहे हो लेकिन उनसे बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता, नेता और पदाधिकारी नाराज चल रहे थे. उन पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है. यही कारण है कि इस बार उनसे स्थानीय लोगों ने भी कन्नी काट लिया।  

किरीट के मामले को देखते हुए इस सीट से महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री प्रकाश मेहता और नगरसेवक मनोज कोटक के नामों को चर्चा क़ाफी पहले से की जा रही थी, लेकिन बाजी हाथ लगी मनोज कोटक के। मनोज कोटक को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है जबकि प्रकाश मेहता को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का। इस सीट से दो बार सांसद रह चुके किरीट सोमैया की जगह मनोज कोटक को तो गयी है लेकिन क्या वे पार्टी के के साथ-साथ गठबंधन और स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएंगे यह देखने वाली बात होगी।

पढ़ें: सस्पेंस हुआ खत्म, किरीट सोमैया की जगह मनोज कोटक को मिला टिकट

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें