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सस्पेंस हुआ खत्म, किरीट सोमैया की जगह मनोज कोटक को मिला टिकट


सस्पेंस हुआ खत्म, किरीट सोमैया की जगह मनोज कोटक को मिला टिकट
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आखिर शिवसेना ने किरीट सोमैया से बदला चुकता कर ही लिया और भविष्य के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से इस बात का सन्देश दे दिया कि उसके खिलाफ बोलने वालों का यह हश्र होगा। उत्तर-पूर्व सीट से बीजेपी ने किरीट सोमैया का पत्ता काटते हुए बीजेपी के नगरसेवक मनोज कोटक की उम्मीदवारी पर मुहर लगा दी। हालांकि सूत्रों के अनुसार बीजेपी किरीट सोमैया को राज्यसभा भेज सकती है।

क्या कहा किरीट ने?
इस मौके पर उन्होने कहा कि, मुझे बहुत खुशी है कि मनोज कोटक को टिकट मिला। हम सभी उनका समर्थन करेंगे और  जीत सुनिश्चित करेंगे।  इस बार भी हम मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री बनाएंगे। टिकट नहीं मिलने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि, पार्टी के भीतर जिम्मेदारियां बदलती रहती हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है। मनोज को अपने से बेहतर उम्मीदवार बताते हुए उन्होने कहा कि ष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में वह "किसी भी बलिदान के लिए तैयार" थे।

छह सीट के लिए उम्मीदवार घोषित 
बीजेपी ने बुधवार को छह लोकसभा सीट के लिए यूपी और महाराष्ट्र के उम्मीदवारों की घोषणा की। इस छह सीट में रायबरेली, मछली शहर, आजमगढ़, मैनपुरी जैसी पांच सीट यूपी की तो एक सीट मुंबई से हैं। इस मुंबई वाली सीट यानी उत्तर-पूर्व सीट से बीजेपी ने मनोज कोटक के नाम की घोषणा की है। जबकि आजमगढ़ से दिनेश लाला यादव यानी 'निरहुआ' का नाम दिया गया है।

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किरीट के खिलाफ थी शिवसेना 
उत्तर-पूर्व सीट से वर्तमान सांसद किरीट सोमैया को लेकर शिवसेना ने काफी कड़ा रुख अपनाया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं का साफ़ कहना था कि वह किरीट सोमैया का समर्थन कभी नहीं करेगी बल्कि किरीट के विरोध में दूसरा उम्मीदवार को खड़ा किया जायेगा। इसी विरोध के चलते बीजेपी ने इस सीट से अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। शिवसेना का यह भी कहना था कि सोमैया को छोड़ कर उन्हें किसी की भी उम्मीदवारी पर कोई ऐतराज नहीं है। आपको बता दें कि बीजेपी-शिवसेना युति के बाद उत्तर-पूर्व की यह सीट बीजेपी के खाते में आई है।

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क्यों खिलाफ थी शिवसेना?
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के पहले जब दोनों पार्टियों के रिश्ते काफी तल्ख थे तब उस समय किरीट सोमैया ने शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर काफी मुखर होकर हमला किया था। बीएमसी को करप्शन का अड्डा बताते हुए किरीट ने उद्धव ठाकरे की सम्पत्ति की जांच होने की भी मांग की थी। इसी बात से शिवसेना किरीट से काफी नाराज चल रही थी।

हालांकि ऐसा कुछ होने का आभास किरीट सोमैया को शायद पहले ही हो गया था, इसीलिए कुछ दिन पहले मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने की भी कोशिश की थी लेकिन उद्धव उनसे नहीं मिले।

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