जब से महाराष्ट्र में तीन पार्टियों के गठबंधन की सरकार महाविकास आघाड़ी अस्तित्व में आई है तभी से इनके बीच कुछ न कुछ किसी न किसी बात पर नाराजगी पैदा होने की खबरें आए दिन आती रहती है। अब एक बार फिर यह बात सामने आ रही है कि एनसीपी नेता शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नाराज हो गए हैं।
अभी एक दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी, लेकिन इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार को ही आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी बात से शरद पवार उद्धव ठाकरे से नाराज बताए जा रहे हैं।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में नए-नए उद्योग धंदे लगा कर राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाना और रोजगार निर्माण करना था।
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इस उद्देश्य के साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) और महाराष्ट्र राज्य के की तरफ से सह्याद्रि अतिथि गृह में बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में उद्योगपति रतन टाटा, मुकेश अंबानी, उदय कोटक, आनंद महिंद्रा, आदि गोदरेज, हर्ष गोयंका, मानसी किर्लोस्कर, राजेश शाह, आनंद पीरामल, अशोक हिंदुजा, निरंजन हीरानंदानी, वरुण बेरी, महेंद्र तुराखिया, रवि रहेजा, बाबा कल्याणी, गोपीचंद हिंदुजा, सज्जन जिंदाल, गौतम सिंघानिया सहित तमाम उद्योगपति उपस्थित थे।
तो वहीं राज्य सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उद्धव के बेटे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और परिवहन मंत्री अनिल परब उपस्थित थे।
अब इतनी महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार को नहीं बुलाया जाना एनसीपी को खटक गया, इस बैठक में उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया इसकी जानकारी तो नहीं मिल सकी, लेकिन एनसीपी की तरफ से कहा जा रहा है कि, खुद अजित पवार ने इस बैठक से अपने आप को दूर रखा था।
अब इसमें कितनी सच्चाई है यह खुद अजित पवार ही जानें, लेकिन कहा जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार शिव सेना के इस रवैये से नाराज हो गए हैं।
एनसीपी से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि, यह सरकार तीनों पार्टियों की है, इसीलिए इसमें सभी पार्टियों के नेताओं को बुलाना चाहिए था।
अब देखना होगा कि शरद पवार की यह नाराजगी उद्धव ठाकरे कब और कैसे दूर करते हैं?
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