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संजय निरुपम ने फोड़ा टोईंग घोटाला बम, लपेटे में मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव


संजय निरुपम ने फोड़ा टोईंग घोटाला बम, लपेटे में मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव
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मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने एक बार फिर से तथाकथित घोटाले को लेकर अपना स्वर मुखर किया है, और इस बार निरुपम ने टोईंग को अपना मुद्दा बनाया है। उन्होंने सीधे सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है।

प्रवीण दराडे और कंपनी के बीच कनेक्शन

संजय निरुपम ने टोईंग को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि टोईंग कंपनिया अवैध तरीके से गाड़ियों को टोईंग करती हैं, इसे लेकर सोशल मीडिया पर 2 वीडियो भी वायरल हुए थे उन्होंने आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी प्रवीण दराडे और विदर्भ इंफोटेक लिमिटेड कंपनी के बीच कनेक्शन है इसीलिए यह ठेका इस कंपनी को दिया गया है।

मुंबई में नागपुर की कंपनी को ठेका क्यों

उन्होंने आरोप लागते हुए कहा कि विदर्भ इंफोटेक कम्प्यूटर सोल्यूशन कंपनी को वाहन टोईंग करने का अनुभव नहीं है बावजूद इसके उसे यह ठेका दिया गया।निरुपम ने सवाल उठाया कि मुंबई में वाहन टोईंग करने का ठेका नागपुर की कम्पनी को क्यों दिया गया? यही नहीं निरूपम ने सवाल पर सवाल दागते हुए यह भी आरोप लगाया कि आखिर किस बुनियाद पर इस कंपनी को वर्ली आरटीओ में एक हाजर स्क्वायर फ़ीट जगह मुफ्त में दी गयी है?

किस आधार पर बढ़ी जुर्माने की राशि

निरुपम यही नहीं रुके, उन्होंने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए सवाल किया कि विदर्भ इंफोटेक लिमिटेड कंपनी टोईंग के लिए 80 हाइड्रोलिक मशीन का उपयोग करती है, कम्पनी ने टोईंग के जुर्माने की रकम को 150 से बढ़ाकर 660 क्यों कर दिया? उन्होंने आरोप लगाया कि हर टोईंग के पीछे 400 रुपया एजेंसी को मिलता है, उन्होंने कहा कि यह कम्पनी जनता को लूट रही है।

मुख्यमंत्री दे जांच के आदेश

निरुपम ने आईएएस अधिकारी प्रवीण दराडे को भी लपेटे में लिया। उन्होंने कहा कि दराडे मुख्यमंत्री के लाडले हैं। निरुपम ने आरोप लगाते हुए कहा कि आईएएस अधिकारी दराडे को मलबार हिल में उनकी रिटायरमेंट तक के लिए बंगला अलॉट किया गया है। निरुपम ने आगे कहा कि दराडे और विदर्भ इंफोटेक कंपनी का काफी करीबी रिश्ता है, दराडे जहां जहां जाते हैं कम्पनी को सरकारी ठेका मिलता जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशांत उगमुगे नामका व्यक्ति यह कंपनी चलाता है। मांग करते हुए निरुपम ने कहा कि मुख्यमंत्री को इसकी जांच करवानी चाहिए।

सभी आरोप बेबुनियाद

संजय निरुपम द्वारा लगाये गए आरोपों के बारे में सफाई देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया कि सारे आरोपों का मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रवीण दराडे का कोई संबंध नहीं है। सफाई में आगे कहा गया कि ठेका देने की सारी प्रक्रिया मुंबई परिवहन विभाग के सहआयुक्त की देखरेख में हुआ। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आगे कहा गया कि इस कार्य में मुंबई परिवहन विभाग ने KPMG नामकी एक संस्था को टेक्नीकल कंसल्टिंग के रूप में भी नियुक्त किया था और इसी संस्था ने अल्ट्रा मॉर्डन हायड्रोलिक क्रेन्स के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) तैयार करके दिया था, जिसके आधार पर ई-टेंडरिंग का प्रक्रिया पूरी की गयी थी।

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