उद्धव ठाकरे ( uddhav thackeray) नेतृत्व वाला शिवसेना गुट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पार्टी के चुनाव चिन्ह ( shiv sena party symbol) को फ्रीज करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दे सकता है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( eknath shinde) के नेतृत्व वाले समूहों को अगले महिने हानेवाले अंधेरी विधानसभा उपचुनाव के लिए शिनसेना शब्द को नही इस्तेमाल करने का आदेश दिया है । इसके साथ ही चुनाव आयोग ने धनूष बाण चिन्ह को फ्रिज कर दिया है।
चुनाव आयोग को दिए तीन निशान और नाम
चुनाव आयोग ने उनसे सोमवार तक अपने संबंधित समूहों को आवंटन के लिए तीन अलग-अलग नाम विकल्प और कई मुफ्त प्रतीकों का सुझाव देने के लिए भी कहा। इसके बाद, ठाकरे गुट ने रविवार को चुनाव आयोग को तीन चिन्ह- एक त्रिशूल, जलती मशाल (मशाल), और उगता सूरज- और उनमें से एक को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी के लिए कई वैकल्पिक नाम सौंपे।
इसके साथ ही उद्धव ठाकरे गुट ने उनके खेमे ने तीन नाम- "शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे, और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे" चुनाव आयोग को सौंपे हैं और उम्मीद है कि यह उनमें से एक को आवंटित करेगा।
एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर साधा निशाना
फेसबुक लाइव पर जनता को संबोधित करते हुए उद्धव ठाठकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उद्धव ठाकरे ने कहा की जो काम इंदिंरा गांधी नहीं कर सकी वो काम बीजेपी ने कर दिया। ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग का निर्णय उनके गुट के साथ “अन्याय” था।
उन्होने कहा की "उद्धव कुछ भी नहीं हैं, यह उद्धव बालासाहेब ठाकरे हैं और यही मुझे महत्वपूर्ण बनाता है. मुझे आज भी 19 जून, 1966 को शिवसेना का स्थापना दिवस याद है, जब शिवाजी पार्क में सेना का गठन हुआ था, बालासाहेब मराठी के मुद्दों को उठाते थे, मार्मिक साप्ताहिक के माध्यम से मराठी मानूस के मुद्दे का उठाया जाता था"
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