मुंबई बीजेपी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री आशीष शेलार (BJP leader Ashish Shelar) ने सोमवार को अपने विवादित बयान के लिए माफ़ी मांग ली। उन्होंने कहा, यदि उनके बयान से अनजाने में किसी की भावनाओं को चोट पहुंची है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं। आपको बता दें कि रविवार को शेलार ने नालासोपारा (nalasopara) में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर निशाना साधते हुए कहा था कि, यह कानून केंद्र है। कानून लागू नहीं होने देंगे, इसका मतलब क्या राज्य आपके पिता है? शेलार ने यह बात उस संदर्भ में कहा था जिसमें एक इंटरव्यूह में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, CAA किसी की नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन NRC महाराष्ट्र में लागू नहीं होगा।
यह कार्यक्रम नालासोपारा में भाजपा के वरिष्ठ नेता और वसई जनता सहकारी बैंक के पूर्व निदेशक सुरेश जोशी के स्मरणोत्सव पर आयोजित किया गया था। आशीष शेलार ने इस कार्यक्रम में (भारतीय छात्र आंदोलन के दशा और दिशा) विषय पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे की आलोचना की।
शेलार के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष की पार्टियों सहित अन्य गैर बीजेपी पार्टियों ने आलोचना शुरू कर दिया। एनसीपी के नेता व मंत्री जितेंद्र अव्हाड और सांसद सुप्रिया सुले ने शेलार के इस विवादित बयान को लेकर आपत्ति जताई।
आव्हाड ने कहा, शेलार इस प्रकार की भाषा का प्रयोग कर सकते हैं पर हम गुजरात जाकर उनके 'पिता' का पता नहीं लगाएंगे. उन्होने आगे कहा, भाजपा परेशान है क्योंकि वह महाराष्ट्र में सत्ता पाने में असफल रही है।"
एनसीपी की सांसद और शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले ने भी शेलार की आलोचना की।
किरकिरी होते देख शेलार ने माफ़ी मांग लेना ही उचित समझा और उन्होंने कहा, वे किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, क्योंकि ऐसा करना भाजपा की संस्कृति नहीं है. उन्होंने केवल एक मुद्दा उठाया है।
उन्होंने आगे कहा, "यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। लेकिन हमारा दृष्टिकोण यह है कि राजनीतिक पार्टियां और नेता उन लोगों के पीछे खड़े हैं, जो अफजल गुरु की जयंती मनाते हैं, संविधान का अपमान करते हैं और देश को तोड़ने की बात करते हैं। ये लोग शरजील इमाम जैसे का समर्थन कर गैर-संविधानिक काम करते हैं और हम उनसे प्रश्न पूछना जारी रखेंगे।
आपको बता दें कि, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के साथ हुए एक साक्षात्कार में, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएए का बचाव करते हुए कहा कि उनकी पार्टी इस कानून के खिलाफ नहीं थी। सीएम ठाकरे ने कहा कि सीएए नागरिकता लेने के बारे में नहीं है, लेकिन वे महाराष्ट्र में NRC लागू नहीं होने देंगे।
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