राज्य सरकार में पूर्व राजस्व मंत्री रहे एकनाथ खडसे का राजनीतिक भविष्य अब खत्म होता दिख रहा है। ऐसे में अब राजनीतियक गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि एकनाख खड़से अपनी राजनीतिक पारी को बचाने के लिए शरद पवार की एनसीपी का दामन थाम सकते है। एनसपी प्रवक्त नवाब मलिक से जब एकनाथ खड़से के राजनीतिक भविष्य के बारे में पुछा गया तो उन्होने कहा की राजनीति में कोई किसी का पक्का दोस्त या फिर पक्का दुश्मन नहीं होता। जिसके बाद अब इस बात की अटकलें और भी तेज हो गई है की अगर एकनाख खड़से एनपीसी में आना चाहे तो एनसीपी की तरफ से उनका स्वागत होगा।
नांदेड़ मनपा चुनाव : बीजेपी हारी, कांग्रेस और एनसीपी हुई हमलावर
अधिवेशन में बीजेपी को दिखाई आंख
एकनाथ खड़से ने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था और इसके साथ ही जलगांव में एनसीपी नेता अजित पवार की मौजूदगी में कई लोग एनसीपी में शामिल होंगे। जिसपर अब इस बात के भी कयास लगा ए जा रहे है की कही एकनाथ खड़से इसी दौरान तो एनसीपी में शामिल नहीं होगे।
शहर में बढ़ते ट्रैफिक पर निरुपम ने सीएम को लिखा पत्र !
एनसीपी का पुराना खेल
भाजपा के प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा कि एनसीपी बहुत पुराना खेल खेल रही है , एकनाथ खडसे भाजपा को नहीं छोड़ेंगे। भोसरी एमआईडीसी भूमि अधिग्रहण के मुद्दे के बाद एकनाथ खडसे को मंत्री से पद छोड़ना पड़ा। नागपुर के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट किया है कि जोटींग कमेटी की रिपोर्ट अर्थहीन है। इसलिए खडसे को कैबिनेट में वापस जाने के लिए लगभग असंभव है।