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दिल्ली में महाराष्ट्र BJP के बड़े नेता ने की शरद पवार से मुलाकात, बाद में बताई मिलने की वजह

यह अनुमान लगाया गया कि, आशीष शेलार ने दिल्ली में कृषि बिल (farmer bill) के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर शरद पवार से मुलाकात की थी।

दिल्ली में महाराष्ट्र BJP के बड़े नेता ने की शरद पवार से मुलाकात, बाद में बताई मिलने की वजह
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भाजपा विधायक आशीष शेलार ने मंगलवार को दिल्ली में NCP अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। इस बैठक के बाद हमेशा की तरह राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू होने लगी। उसके बाद, आशीष शेलार ने मीडिया के साथ बातचीत की और इस मुुलाकात का सही कारण बताया।

दिल्ली मे मंगलवार को महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण और शरद पवार के बीच सुबह के समय 6 जनपथ में एक बैठक हुई थी।  इस बैठक के तुरंत बाद, आशीष शेलार भी शरद पवार से मिलने जा पहुंचे। जिसके बाद कुछ खिचड़ी पकने का संदेह पैदा हुआ।

यह अनुमान लगाया गया कि, आशीष शेलार ने दिल्ली में कृषि बिल (farmer bill) के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर शरद पवार से मुलाकात की थी। तो दूसरी ओर,महाराष्ट्र में ईडी (ED) की छापेमारी को लेकर भी राजनीति गर्मायी हुई है, यह कहा जा रहा है कि, इस मुद्दे पर भी दोनों के बीच चर्चा हो सकती है।

आखिरकार, आशीष शेलार (ashish shelar) ने मीडिया से बातचीत करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा, “शरद पवार जानते हैं कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मराठा युवाओं की भावनाएं बहुत मजबूत हैं। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण का बचाव करते हुए इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी। इसीलिए राज्य सरकार को मराठा आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और आरक्षण के संबंध में तुरंत कानूनी कदम उठाने चाहिए।

इस बीच, शिवसंग्राम संगठन के प्रमुख और विधायक विनायक मेटे (vinayak mete) ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर अशोक चव्हाण पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यही नहीं उन्होंने अशोक चव्हाण को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कर दी। और उनकी जगह मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री अजीत पवार (ajit pawar) और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (eknath shinde) को देने की भी बात कही।

मेटे ने अशोक चव्हाण पर अन्य कई आरोप लगाए हैं। मेटे ने हमलों की बौछार करते हुए कहा, दिल्ली में शरद पवार (sharad pawar) और अशोक चव्हाण की जो बैठक हुई, उसमें अशोक चव्हाण ने जानबूझकर कई महत्वपूर्ण लोगों को आमंत्रित नहीं किया। कई याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं को भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, अशोक चव्हाण (ashok chavhan) जब से मराठा आरक्षण (maratha reservation) पर मंत्रिमंडल की उप-समिति के अध्यक्ष बने हैं, तब से ही उनका यह रवैया कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए और गरीब मराठा समुदाय को भी लाभ मिलना चाहिए, इस पर अमल करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। वे इस मामले में भी कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं।  इसलिए, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात (balasaheb throat) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या अशोक चव्हाण द्वारा निभाई जा रही भूमिका उनकी खुद की है या कांग्रेस की?'

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