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मुख्यमंत्री को अचानक प्राकृतिक आपदा घोषित करने की आवश्यकता क्यों हुई महसूस, BJP ने कसा तंज

BJP प्रवक्ता ने सवाल उठाते हूए कहा, केंद्र मदद के लिए खड़ी है। आपके अनुरोध पर हाफ़क़ीन को वैक्सीन के उत्पादन की अनुमति देे दी गई है। लेकिन क्या आप राज्य के रूप में कोई जिम्मेदारी लेंगे?

मुख्यमंत्री को अचानक प्राकृतिक आपदा घोषित करने की आवश्यकता क्यों हुई महसूस, BJP ने कसा तंज
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) को एक पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया है कि वे इस बंद के दौरान महाराष्ट्र (Maharashtra) के गरीब और कमजोर लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील की है, जिसके बाद से BJP ने इसे लेकर उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है। BJP ने कहा कि, आखिर मुख्यमंत्री को अचानक प्राकृतिक आपदा घोषित करने की आवश्यकता क्यों महसूस होने लगी।

भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मुख्यमंत्री की मांग को लेकर कहा कि, आपदा राहत अधिनियम के तहत काम केंद्र सरकार द्वारा पूरे एक साल से चल रहा है। पिछले साल के लॉकडाउन आदेश को देखें। राज्य सरकार को अचानक प्राकृतिक आपदा घोषित करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?

उपाध्ये ने आगे कहा, राज्य को सहायता की घोषणा करें और इसे पूरा करने के लिए केंद्र से मांग करें। अगर सब कुछ केंद्र की मदद से होने वाला है, तो राज्य सरकार वास्तव में क्या करेगी? इसके बजाय अगर हम कोरोना की दूसरी लहर पर ध्यान देते हैं, तो यह राज्य के हित में होगा।

BJP प्रवक्ता ने सवाल उठाते हूए कहा, केंद्र मदद के लिए खड़ी है। आपके अनुरोध पर हाफ़क़ीन को वैक्सीन के उत्पादन की अनुमति देे दी गई है। लेकिन क्या आप राज्य के रूप में कोई जिम्मेदारी लेंगे? पूरे वर्ष मरीजों के लिए बेड क्यों नहीं बढ़े हैं? ऑक्सीजन का स्टॉक क्यों नहीं बढ़ा है? रेमडेसिविर ने अस्पताल से प्राप्त करने की घोषणा की, इसे लागू क्यों नहीं किया गया?

केशव उपाध्याय ने जनाकारी देते हूए बताया कि, जब कोरोना संकट दुनिया पर छा गया था और हमारा देश भी इससे प्रभावित था। तब केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ इस युद्ध को लड़ने के लिए आदेश जारी किए गए हैं जो आपदा निवारण अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं।  साथ ही, एक आंतरिक सहायता कोष भी प्रदान किया गया है, 

हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है।  इसलिए, उन्होंने एक बार फिर केंद्र को पत्र लिखकर मदद मांगी, कोरोना संकट को आपदा घोषित किया और आपदा प्रतिक्रिया कोष से मदद की अनुमति मांगी।

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