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हम ‘सात’ ‘साथ’ हैं...


हम ‘सात’ ‘साथ’ हैं...
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मुंबई - इस बार बीएमसी चुनाव में मनसे को ‘सात’ सीटें मिली हैं। जैसा की माना जा रहा था मनसे का प्रदर्शन बिल्कुल आशा के अनुरूप ही हुआ। वैसे भी सब मनसे को लड़ाई के बाहर ही मान रहे थे। मनसे के नेता एक-एक करके उसका ‘साथ’ छोड़ते जा रहे थे।

मराठी माणुस की राजनीति करने वाले राज ठाकरे को मतदाताओं ने साफ-साफ नकार दिया है। चाहे बीजेपी के देवेन्द्र फडणवीस हो या शिवसेना के उद्धव ठाकरे सभी ने अपनी पार्टी के प्रचार के लिए दिन रात एक कर दिया, लेकिन राज ठाकरे ने चुनाव के कुछ दिन पहले से ही प्रचार अभियान शुरू किया था।

अपने प्रचार के समय राज कहा करते थे कि ‘आप राजा(राज) का साथ दो’। लेकिन यह ‘साथ’, ‘सात’ पर सिमट जाएगा इसका आभास राज को कतई नहीं था। पिछले चुनाव में राज को 27 सीटें मिली थी और इस बार मात्र सात। मतदाताओं ने साफ-साफ बता दिया है कि वे विकास के मुद्दे पर वोट देंगे ना की अन्य किसी मुद्दे पर।

हाल ही में ‘मुंबई लाइव’ से एक मुलाक़ात में राज ठाकरे ने उनके पास बाज की दृष्टि होने और हर स्थिति पर नजर रखने का दावा किया था लेकिन शायद वे स्थिति को सही सही भांप नहीं पाए। खुद एक व्यंग्यचित्रकार होने के कारण राज ने एक सभा में कहा था कि ‘मौका सबको मिलता है’, अब देखना होगा की राज को यह मौका अब दोबारा कब मिलता है?

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