राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक (nawab malik) ने फर्जी टीकाकरण (fake vaccination) के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) का वितरण करते हुए राज्य को अंधेरे में रखा और पहले निजी लोगों और निजी अस्पतालों में वैक्सीन का वितरण किया। जिसकी वजह से फर्जी टीकाकरण के मामले सामने आए।
इस संबंध में न्यूज चैनल से बात करते हुए नवाब मलिक ने कहा कि, राज्य में खासकर मुंबई (Mumbai) में फर्जी टीकाकरण का मामला सामने आया है। मामले की जांच एसआईटी कर रही है। हालांकि, फर्जी टीकाकरण का मुख्य कारण यह है कि केंद्र ने राज्य को बिना बताए ही निजी लोगों और निजी अस्पतालों में टीका वितरित कर दिया।इसकी जानकारी राज्यों के साथ साझा नहीं की।
नवाब मलिक ने आगे कहा कि यदि राज्यों को शुरू से ही निजी व्यक्तियों का टीकाकरण करते हुए सूचित किया गया होता, तो नगर पालिकाएं, निगम और स्थानीय निकाय इसे नियंत्रित कर पाते और ऐसा फर्जीवाड़ा नहीं होता।
राज्यात विशेषतः मुंबईत लसीकरणाचा बोगसपणा झाल्याचे प्रकरण समोर आल्याने एसआयटीमार्फत तपास करण्यात येत आहे मात्र केंद्राने राज्याला अंधारात ठेवल्याने ही घटना घडली. लसीकरणाचा बोगसपणा होण्याचे मुख्य कारण खाजगी लोकांना व खाजगी हॉस्पिटल यांना लस वितरीत करण्यात आली. (१/३)#vaccination pic.twitter.com/TPgzYyqiQ4
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) July 1, 2021
बता दें कि मुंबई सहित ठाणे में फर्जी टीकाकरण (fake vaccination in Mumbai) के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी टीकाकरण रैकेट ने 9 जगहों पर टीकाकरण शिविर लगाए थे। जहां इन शिविरों में कुल 2053 लोगों को फर्जी टीका लगाया गया।
इसकी सूचना मिलने पर 23 जून को मुंबई नगर निगम (bmc) ने कांदिवली, बोरीवली, वर्सोवा और खार में केस दर्ज कराया। बोरीवली के जिस आदित्य कॉलेज में कैंप लगाया गया था वहां आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है। जबकि पुलिस ने इस मामले में डॉ. मनीष त्रिपाठी को फरार बताया है।
पुलिस ने अब तक इस मामले में 400 गवाहों के जवाब दर्ज किए हैं। साथ ही कुछ आरोपियों की पहचान कर ली गई है।
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