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सिडको जमीन घोटाला: सीएम ने कहा, करेंगे न्यायिक जांच

इस घोटाले को लेकर विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सीएम को नैतिक रूप से जिम्मेदारी लेते हुए उनके इस्तीफे की मांग की साथ ही कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की।

सिडको जमीन घोटाला: सीएम ने कहा, करेंगे न्यायिक जांच
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कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर नवी मुंबई के सिडको जमीन घोटाले का कथित तौर पर लगाए गए आरोप को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी। नागपुर में शुरू हुए मानसून अधिवेशन के दूसरे दिन मुखयमंत्री ने यह घोषणा की। गौरतलब है कि बीते सोमवार को कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके बीजेपी पर आरोप लगाया था कि बीजेपी ने नवी मुंबई में स्थित सिडको की 1700 करोड़ की जमीन को बिल्डरों के हाथों मात्र 3.5 करोड़ रूपये में ही बेच दी।

इस घोटाले को लेकर विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सीएम को नैतिक रूप से जिम्मेदारी लेते हुए उनके इस्तीफे की मांग की साथ ही कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की।

'...तो उस मामले की भी होगी जांच'

कांग्रेस के इस आरोप के बाद से ही बीजेपी भी आक्रामक हो गयी और बचाव में उतरी। यही नहीं बीजेपी विधायक प्रसाद लाड ने तो कांग्रेस के नेताओं पर 500 करोड़ रूपये का मानहानि का दावा ठोक दिया। नागपुर में चल रहे अधिवेशन के दौरान सीएम फडणवीस ने कहा कि इस मामले में न्यायिक जांच तो होगी लेकिन उसके साथ ही पिछली सरकार के समय में जो 200 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया गया था उसकी भी न्यायिक जांच करेंगे।


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'पहले अपना गिरेबान झांके कांग्रेस'

फडणवीस ने पृथ्वीराज चव्हाण पर निशाना साधते हुए विपक्षियों को याद दिलाया कि जब पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे, तब कई विस्थापितों को विभिन्न श्रेणियों के तहत 660 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी। उस समय जमीन आवंटित करने का अधिकार अतिरिक्त जिला कलेक्टरों को दिया गया था। भूमि आवंटन जिला कलेक्टर का विषय है। उनका मंत्री या मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है। इसलिए, पृथ्वीराज चव्हाण को किसी पर आरोप लगाने से पहले अपना गिरेबान झांकना  चाहिए।


कौन पड़ेगा किस पर भारी? 

कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपो जांच का विषय है, अगर ऐसा सही में हुआ होगा तो यह बीजेपी सरकार के लिए खतरे की घंटी होगी क्योंकि अगले साल ही चुनाव है और विपक्ष इसे जनता के सामने ले जाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन बीजेपी ने जिस तरह समय की नजाकत को भांपते हुए इसकी न्यायिक जांच की घोषणा कर दी इससे उसने अपनी धूमिल होती छवि को साफ़ करने की ही कोशिश की है।

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