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जमीन घोटाले कोई लेकर कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर लगाया सबसे बड़ा आरोप, बीजेपी ने नकारा

मुंबई कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर अब तक का सबसे बड़ा आरोप लगाया है। MRCC में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने बीजेपी पर नवी मुंबई के खारघर में स्थित सिडको की 1700 करोड़ की जमीन को औने पौने दाम पर बिल्डर को बेचने का आरोप लगाया।

जमीन घोटाले कोई लेकर कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर लगाया सबसे बड़ा आरोप, बीजेपी ने नकारा
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मुंबई कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर अब तक का सबसे बड़ा आरोप लगाया है। MRCC में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने बीजेपी पर नवी मुंबई के खारघर में स्थित सिडको की 1700 करोड़ की जमीन को औने पौने दाम पर बिल्डर को बेचने का आरोप लगाया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कांग्रेस कितनी गंभीर थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली से प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी सहित पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम भी उपस्थित थे।

 
क्या आरोप लगाया कांग्रेस ने?

संजय निरुपम ने फडणवीस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोयना परियोजना के तहत विस्थापित हुए 8 किसानों के परिवार को खेती करने के लिए नवी मुंबई के खारघर में 24 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गयी थी। इन आठ किसानों की जमीनों को पैराडाईज बिल्डर के मनीष भतीजा और संजय भालेराव ने मात्र 15 लाख रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीद ली, जबकी इस जमीन की कीमत 1767 करोड़ रूपये तक है। मतलब 1767 करोड़ की जमीन को मात्र साढ़े 3 करोड़ में बिल्डरों को बेच दिया गया। निरुपम ने आगे कहा कि 14 मई 2018 के दिन जमीन का हस्तांतरण हुआ और उसी दिन इस जमीन का पॉवर ऑफ़ अटार्नी बिल्डर को मिल गयी जबकि इन सभी प्रोसेस को अमूमन डेढ़ साल लग जाते हैं।

कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर किस आधार पर यह प्रक्रिया एक ही दिन में हो गयी। कांग्रेस ने आगे कहा कि 23 जून 2018 के दिन ही मनीष भतीजा और संजय भालेराव पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए और जमीन पर कब्ज़ा भी कर लिया।

निरुपम ने इस पूरे मामले की जांच करवाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में विधायक प्रसाद लाड की भी मिलीभगत है, जो मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं और लाड और संजय भालेराव भी करीबी हैं।


बीजेपी ने आरोपों का किया खंडन 
 
कांग्रेस के इस आरोप के बाद ही आनन-फानन में बीजेपी ने भीअपनी सफाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसे संबोधित किया बीजेपी नेता और प्रवक्ता माधव भंडारी ने। माधव भंडारी ने कांग्रेस के आरोपों को ख़ारिज करते हुए उसे बेबुनियाद बताया और कहा कि पहली बात यह जमीन सिडको की नहीं है, दूसरी बात इसकी कीमत 1700 करोड़ नहीं बल्कि 5.29 करोड़ है और तीसरी बात इस जमीन को हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही विस्थापितों को दी गयी थी। इसके खिलाफ याचिका भी दायर की गयी थी जिसे खारिज कर दिया गया। कांग्रेस केवल लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

भंडारी ने आगे कहा कि मूल रूप से कोयना बांध परियोजना में 23 एकड़ जमीन को 9 परिवारों को आवंटित किए गए हैं। नवी मुंबई में स्थित इस जमीन का सर्वेक्षण नंबर 183 है। यह निर्णय जिला स्तर पर किया जाता है, इसमें मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री कार्यालय का कोई संबंध नहीं है।

अपना पक्ष रखते हुए भंडारी ने आगे कहा कि दूसरा मुद्दा ऐसा है कि यह जमीन खेती की जमीन है, रेडीरेकनर के अनुसार इसकी कीमत 5.29 करोड़ रूपये है। कांग्रेस को मात्र एफएसआई की ही भाषा समझ में आती है हम कांग्रेस की इस मानसिकता का विरोध करते हैं।

 
मानहानि का करूंगा केस-लाड 
इसी मुद्दे पर विधायक प्रसाद लाड ने कहा कि कांग्रेस ने जो भी आरोप मुझ पर लगाए हैं उस बाबत मैं सभी जांच से गुजरने के लिए तैयार हूँ. कांग्रेस लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है. इस झूठे आरोपों के लिए मैं कांग्रेस के नेताओं पर 500 करोड़ रूपये मानहानि का दावा करूंगा।


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