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उद्धव ठाकरे मांग, केंद्र शुरू करे लोकल ट्रेन

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में ट्रेन सेवा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इस इमरजेंसी में काम करने वाले भी कहीं आ जा नहीं पा रहे हैं।

उद्धव ठाकरे मांग, केंद्र शुरू करे लोकल ट्रेन
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने एक बार फिर से मुंबई की लोकल ट्रेनों (mumbai local train) को शुरू करने की मांग केंद्र सरकार से की है। हालांकि राज्य में लॉकडाउन 5 (lockdown 5) शुरू है, साथ ही अनलॉक 1 (unlock 1.0) भी जारी है, जिसके तहत कई क्षेत्रों में छूट दी गई है। 10 फीसदी कर्मचारियों के साथ प्राइवेट ऑफिसों को भी खोलने की अनुमति मिली है, लेकिन जब तक लोकल ट्रेन नहीं चलेगी तब तक तय कर्मचारी भी ऑफिस नहीं पहुंच पाएंगे।

इसलिए उद्धव ठाकरे ने मुंबई में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने की मांग की है, साथ ही लोकल ट्रेन इस आर्थिक राजधानी की जीवन रेखा भी है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में ट्रेन सेवा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इस इमरजेंसी में काम करने वाले भी कहीं आ जा नहीं पा रहे हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए काम करने वाले कई ऐसे भी लोग हैं जो परिवहन सेवाओं की कमी के कारण यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं।

यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ठाकरे ने कहा था कि अगर लोकल ट्रेन चलती है तो आवश्यक क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनके पहचान पत्र की जाँच के बाद ही लोकल ट्रेनों में चढ़ने की अनुमति दी जा सकती है।

इसके पहले भी महाविकास आघाड़ी (MVA) सरकार के अन्य नेताओं ने भी केंद्र से आवश्यक यात्रियों के लिए मुंबई की लोकल ट्रेनों को शुरू करने का आग्रह कर चुके हैं।  

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता जितेंद्र आव्हाड (jitendra awhad) ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से मुंबई में आवश्यक सेवाओं के लिए लोकल ट्रेन को फिर से शुरू करने की मांग की थी, क्योंकि मुंबई शहर के अस्पताल में कर्मचारियों की कमी हैं और ऐसे भी

कई कर्मचारी हैं जो इन ट्रेनों के माध्यम से ही अस्पताल जाते थे, लेकिन ये ट्रेनें बंद होने के कारण वे आने जाने में असमर्थ हैं।

हालाँकि, देशव्यापी तालाबंदी अभी भी 30 जून तक बनी हुई है। बावजूद इसके लोगों द्वारा आर्थिक तंगी का सामना करते हुए और अर्थव्यवस्था को देखते हुए कई क्षेत्रों में ढिलाई दी गयी है, दूकानों को खुले रहने की छूट दी गई, 10 फीसदी कर्मचारियों के साथ प्राइवेट ऑफिसों को भी खोलने की अनुमति दी गई। लेकिन जब तक ट्रेनें नहीं चलेंगी तब तक मुंबई की थमी हुई जिंदगी पटरी पर लौटना असंभव है।

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