कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट (Bala saheb thorat) ने विधान सभा के सीएलपी (विधायक दल नेता) के पद से इस्तीफा दे दिया है। नासिक विधान परिषद चुनाव के बाद बालासाहेब थोराट और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। सोमवार (6 फरवरी) को बालासाहेब थोराट ने नाना पटोले को लेकर कांग्रेस आलाकमान को पत्र भी लिखा और नाराजगी जाहिर की।
महाराष्ट्र कांग्रेस में इस वक्त आपसी गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। राज्य में महाराष्ट्र कांग्रेस में अब नाना पटोले के विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट का है।
मिली जानकारी के मुताबिक बालासाहेब थोराट ने हाईकमान को पत्र लिखकर नाना पटोले की शिकायत की है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि नाना पटोले के साथ पार्टी में काम करना मुश्किल हो रहा है।
दरअसल, उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले में हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव के बाद कांग्रेस नेताओं ने पटोले पर हमला बोला है। सत्यजीत तांबे ने इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल कर पार्टी से बगावत कर दी थी। शिकायत दिल्ली में पार्टी प्रमुख के पास गई।
सुधीर तांबे के साथ ही सत्यजीत तांबे और उनके पिता को भी पार्टी ने निलंबित कर दिया है। बालासाहेब थोराट नाना पटोले से खफा बताए जाते हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पटोले कई अन्य लोगों को पीछे छोड़ते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं।
कांग्रेस नेता हेमलता पाटिल ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस में वाकई दो गुट हैं। उनमें से एक नाना पटोले का है और दूसरा बालासाहेब थोराट का।
हेमलता पाटिल ने एक ट्वीट में लिखा है कि आज सुबह मेरे पास फोन आया कि मैडम को बालासाहेब थोराट की कांग्रेस में काम करना चाहिए या नाना पटोले की कांग्रेस में।
वहीं सूत्रों की माने तो पटोले से नाराज बालासाहेब थोराट ने कहा कि विधान परिषद चुनाव के दौरान अपमानजनक बातें कही गईं. परिवार के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिए गए। विवाद खत्म होने के बजाय बढ़ता ही गया और कई कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई। पार्टी की बैठकों में निचले स्तर पर भी बयान दिए गए। कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर परेशान करने का प्रयास किया गया।