दिल्ली में सोमवार को हुई बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी को आगामी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने के लिए सलाह दी है। नेताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस अपने महा विकास अघाड़ी सहयोगियों शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ मिलकर इस नगर निगम के चुनाव लड़ती है, तो उसे शहर में हाशिए पर धकेल दिया जाएगा। (Congress May fight BMC elections alone in Mumbai)
अभी भी आखिरी फैसला बाकी
इससे कांग्रेस हाईकमान असमंजस में पड़ जाएगा। पार्टी के कई लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यक वोट शिवसेना (उद्धव गुट) की ओर जा रहे हैं, लेकिन हिंदुत्व की ओर झुकाव रखने वाले मतदाता भी कांग्रेस के पीछे नहीं हैं। हालांकि, पार्टी हाईकमान को आखिरकार यह मुश्किल फैसला नहीं लेना पड़ेगा, क्योंकि उद्धव सेना पहले ही नगर निगम चुनाव अकेले लड़ने की मंशा जाहिर कर चुकी है। चुनाव इस साल या अगले साल की शुरुआत में होने हैं।
सोमवार को हुई बैठक में महाराष्ट्र के शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया, जिसमें पार्टी के राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला, राज्यसभा सदस्य और महासचिव मुकुल वासनिक, पूर्व राज्य इकाई प्रमुख नाना पटोले और अन्य शामिल थे।227 सीटों में से, कांग्रेस 2017 के बीएमसी चुनावों में केवल 31 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि उसने 2012 में 56 और 2007 में 75 सीटें जीती थीं।
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