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संविधान जलाने के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, निरुपम रहें अनुपस्थित


संविधान जलाने के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, निरुपम रहें अनुपस्थित
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गुरूवार 9 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर में असामाजिक तत्वों द्वारा संविधान की प्रति जलाने और डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अपशब्द नारे लगाने के विरोध अब मुंबई में भी हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड के नेतृत्व में कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दादार स्टेशन के बाहर खड़े होकर इस घटना का विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों को गिरफ्तार करके कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।


'अट्रोसिटी के तहत हो कार्रवाई' 
एकनाथ गायकवाड ने मांग की कि, इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ अट्रोसिटी के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए। गायकवाड ने यह भी कहा कि जिस समय यह घटना घटी वहां कई पुलिस वाले तभी थे जो मूकदर्शक बन कर खड़े थे इसीलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया जाएं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी तो कांग्रेस ऐसे तत्वों के खिलाफ खुद ही कार्रवाई करेगी।

दिल्ली में हुई थी घटना 

आपको बता दें कि सरकार द्वारा SC-ST एक्ट पास करने के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर में 9 अगस्त को दो अलग-अलग संस्थाएं यूथ फॉर इक्वैलिटी फाउंडेशन (आजाद सेना) और आरक्षण विरोधी पार्टी संयुक्त रूप से संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं। इसी दौरान इस विरोध प्रदर्शन में संविधान की प्रति जलाई गयी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के खिलाफ अपशब्द नारे लगाए गए। 

कांग्रेस में सब सही नहीं? 
इस विरोध प्रदर्शन में एकनाथ गायकवाड सहित मुंबई कांग्रेस अनुसूचित विभाग के अध्यक्ष कचरू यादव और कई महिला पुरुष पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे लेकिन इस मौके पर मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम की अनुपस्थिति जरूर चर्चा का विषय बनी रही। निरुपम की अनुपस्थिति से कई कोंग्रेसी कार्यकर्ता नाराज नजर आए और एक बार फिर से कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गयी।

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