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बीजेपी का 'धर्मसंकट'


बीजेपी का 'धर्मसंकट'
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मुंबई - बुधवार को महापौर पद का चुनाव होना है। बीजेपी ने पहले ही महापौर पद का चुनाव न लड़ने की घोषणा कर तटस्थ रहने की बात कही है। लेकिन महापौर और उपमहापौर पद के चुनाव के लिए बीजेपी क्या सत्ताधारी पार्टी शिवसेना को वोट देगी या विपक्ष में बैठेगी, इस पर सभी की निगाहें रहेगी।
शिवसेना की तरफ से महापौर पद के लिए विश्वनाथ महाडेश्वर और कांग्रेस की तरफ से विठ्ठल लोकरे चुनाव लड़ रहे हैं,जबकि उपमहापौर पद के लिए शिवसेना की तरफ से हेमांगी वरलीकर और कांग्रेस की तरफ से विनी डिसुजा मैदान में हैं। शिवसेना के समर्थित नगरसेवकों सहित कुल 88 नगरसेवक हैं तो बेजीपी के भी नगरसेवकों की संख्या 84 पहुंच चुकी है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री फडणवीस ने बीएमसी के किसी भी पद के लिए चुनाव न लड़ने की घोषणा की हैं। फडणवीस ने कहा था कि वे विपक्ष में भी नहीं बैठेंगे और पारदर्शी प्रशासन में जिम्मेदार भूमिका निभाएंगे।
लेकिन अगर बीजेपी पारदर्शी भूमिका भी निभाती है तो एक तरह से वह विपक्ष की ही भूमिका निभाएगी। बीएमसी के अधिनियम के अनुसार बहुमत सिद्ध करने वाली पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने वाली दूसरे नंबर की पार्टी ही यानी बीजेपी ही विपक्ष की भूमिका में रहती है,लेकिन अगर बीजेपी विपक्ष में नहीं आती है तो उसे विरोधी पक्ष नेता का पद स्वीकार ही करना पड़ता है। अब बीजेपी का क्या रुख रहेगा यह बुधवार को ही पता चलेगा।

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