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राज्यपाल ने की चुनाव आयोग से विधान परिषद चुनाव करवाने की मांग

महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल से उद्धव ठाकरे को एमएलसी नियुक्त करने का आवेदन किया था

राज्यपाल ने की चुनाव आयोग से विधान परिषद चुनाव करवाने की मांग
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधायक बनने की राह  आसान नही दिख रही है। राज्य कैबिनेट ने जहा दो बार राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से विधान परिषद में नामांकित करने का निवेदन किया है तो वही अब राज्यपाल  भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि  महाराष्ट्र राज्य में 9 रिक्त  विधान परिषद की सीटों के लिए चुनाव घोषित करें ।


आपको बता दे कि उद्धव  ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के अनुच्छेद 75(5) के अनुसार, उनके पास विधिवत विधायक बनने के लिए छह महीने यानी 27 मई तक की मोहलत है।26 मार्च को एमएलए द्वारा नौ एमएलसी को चुनना था लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी चुनावों पर रोक लगा दी है। 


महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारत के चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों पर चुनाव घोषित करे। राज्यपाल ने चुनाव आयोग से विधान परिषद की 9 सीटों को भरने का अनुरोध किया है, जो कि 24 अप्रैल से राज्य में मौजूदा हालात के चलते  खाली पड़ी है। अपने पत्र में, राज्यपाल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन के प्रवर्तन के बारे में कई छूट उपायों की घोषणा की है।  जैसा कि काउंसिल की सीटों के लिए चुनाव कुछ दिशानिर्देशों के साथ हो सकते हैं।




मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैँँ।  महाराष्ट्र कैबिनेट ने कोऱोना संक्रमण से पैदा हुई मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए ठाकरे को एम.एल.सी. मनोनीत करने की राज्यपाल से दोबारा सिफारिश भेजी है।

उद्वव ठाकरे ने  एन.सी.पी.और काँग्रेस से हाथ मिलाकर सूबे में  महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी। इस लिहाज से मुख्यमंत्री कुर्सी पर बने रहने के लिए उद्धव ठाकरे को 28 मई तक प्रदेश के किसी भी सदन की सदस्यता हासिल करनी होगी। दो एनसीपी विधायको के इस्तीफे के कारण विधान परिषद में 2 स्थान रिक्त है , एनसीपी के दोनों विधायक चुनाव के पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे, हालांकि राज्यपाल ने अभी तक इन दोनों सीट पर कोई फैसला नही लिया है।



भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत  किसी भी सदन से जुड़े ना होने के बावजूद भी कोई भी शख्स 6 महीने तक मंत्रिमंडल में मँत्री या मुख्यमंत्री पद पर बने रह  सकता है। 6 महीने के बाद भी अगर वह किसी भी सदन का सदस्य नही बनाते है तो उन्हें मुख्यमंत्री कुर्सी छोडनी पडेगी। वही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा की किसी को भी संविधान के दायरे में रहकर ही पद पर रहना चाहिए।



राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का अभी तक कोई फैसला नहीं लेने लिया है, ऐसे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। तो वहीं PM मोदी ने उन्हें जल्द से जल्द मामले को हल कराने का आश्वासन दिया है।


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