लॉकडाउन (lockdown) में ढील देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने 'मिशन बिगिन अगेन' (mission begin again) के तहत कई क्षेत्रों में ढील दी है, जिसमें अनेक दूकानों, कारखानों और उद्योग धंदे फिर से शुरू हुए हैं। लेकिन प्रशासन की तरफ से कई क्षेत्रों में अभी भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें जिम भी शामिल हैं। हालांकि जिम मालिकों (gym owner) ने जिम शुरू करने की कई बार अपील भी की, लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई मंजूरी नहीं दी गई। अब जिम मालिकों ने इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) से मुलाकात कर उनसे सहायता की मांग की है। जिसके बाद राज ठाकरे (raj thackeray) ने कहा कि, जिम मालिक सभी सरकारी नियमों का पालन कर जिम शुरू कर सकते हैं।
कोरोना (Coronavirus) के प्रकोप के मद्देनजर मार्च के बाद से ही देश भर के व्यायामशालाओं को बंद कर दिया गया है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए मई से ही लॉकडाउन (lockdown) में थोड़ी थोड़ी करके ढील दी जाने लगी। कई उद्योगों को नियमों और शर्तों का पालन करने की अनुमति दी गई।
केंद्र सरकार ने हाल ही में जारी नियमों में से एक जिम और व्यायामशाला खोलने की भी अनुमति दी है। लेकिन इस नियमों को मानने या न मानने का अंतिम निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया। तदनुसार, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में इनडोर जिमों को बंद रखने का निर्णय लिया था।
नतीजतन, राज्य भर में 4,000 से अधिक जिम अभी भी बंद हैं, जिसके बाद से जिम चालकों, मालिकों और प्रशिक्षकों के सामने वित्तीय समस्या भी आने लगी।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, जिम चालक और मालिक ने मंगलवार दोपहर राज ठाकरे से उनके घर कृष्णकुंज (raj thackrey house krishn kunj) जाकर मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने का अनुरोध किया।
इस पर, राज ठाकरे ने जिम मालिकों से, सरकार के सभी नियमों और प्रतिबंधों का पालन करते हुए लोगों का ख्याल रखने सहित तमाम नियमों और कानूनों का पालन करने के साथ साथ जिम शुरू करने की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, पिछले चार महीनों से जितनी बीमारी फैली, अब वो आगे न फैल पाए, इसका भी ध्यान रखना होगा।
राज ने आगे कहा, इस संबंध में हमने विपक्ष के नेताओ के साथ चर्चा की है और उन्होंने इन मुद्दों पर भी ध्यान देने का आश्वासन दिया है।
इसी के साथ राज ठाकरे ने उद्धव सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, बाजार खुले हैं, सब जगह सब चल रहा है। मूर्खों का बाजार चालू है। केंद्र सरकार कहती है सब शुरू करो, लेकिन राज्य शुरू करने के लिए तैयार नहीं है। केंद्र सरकार ने एक जिम और हवाई अड्डा शुरू करने के लिए कहा है। लेकिन राज्य मना कर रही है। क्या राज्य सरकार के पास कोई अलग से बुद्धि है?