नागरिकता संशोधन बिल (CAB) अब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बन गया है। इस कानून का विरोध देश भर में हो रहा है। इस कानून का सबसे अधिक विरोध असम, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में हो रहा है, इन तीनों जगह आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। रविवार को दिल्ली में दिन भर हिंसक आंदोलन हुआ। कई बसों को जला दिया गया, तोड़फोड़ हुई, सरकारी संपत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया गया। जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आरोप लगाया है कि, उनके द्वारा शांति पूर्वक आंदोलन करने के बाद भी पुलिस ने उन पर बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की, कॉलेज में घुस कर लोगों को पीटा।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध अब मुंबई में भी शुरू हो चुका है। मुंबई में IIT-BOMBAY और TISS (TATA INSTITUTE OF SOCIAL SCIENCE) के सैकड़ों छात्रों ने सड़क पर उतर कर दिल्ली पुलिस की छात्रों पर कार्रवाई के खिलाफ रैली निकाल कर नारेबाजी की।
IIT-BOMBAY के सैकड़ों छात्रों ने रविवार की रात में हाटों में मशाल और मोमबत्ती लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ आंदोलन निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया, तो वहीं TISS के भी सैकड़ों छात्रों ने मुंबई की सड़क पर उतरे और AMU और जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए रैली निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
आंदोलन कर रहे छात्रों ने कहा कि, CAA के खिलाफ शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे सैकड़ों छात्रों को पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस कर मारा, आंसू गैस छोड़े, महिलाओं को भी नहीं बक्शा गया, छात्रों के साथ अपराधियों द्वारा सलूक किया जा रहा है, पुलिस की इस कार्रवाई में 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हम पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं। जिस तरह से पुलिस AMU और जामिया के छात्रों के ऊपर कार्रवाई कर रही है वह संविधान के खिलाफ है। विरोध प्रदर्शन करना भारत के हर नागरिक का संवैधानिक हक है और उस हक को सरकार द्वारा जबरन दबाया जा रहा है।
हालांकि मुंबई में इन छात्रों का प्रदर्शन शांतिपूर्वक है, इसके बावजूद किसी अनहोनी के चलते पुलिस ने भी चाक चौबंद व्यवस्था की है। लेकिन आम लोगों को इस बात का डर है कि दिल्ली, असम और पश्चिम बंगाल में में धधक रही सरकार विरोधी आग मुंबई में भी भड़क सकती है. इसीलिए सरकार और पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द बंदोबस्त करना चाहिए।