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कांग्रेस के लिए बीएमसी चुनाव....राह कठिन है पनघट की


कांग्रेस के लिए बीएमसी चुनाव....राह कठिन है पनघट की
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मुंबई – बीएमसी चुनाव में जिस पार्टी को सबसे अधिक सीट खोने का डर है वो है कांग्रेस। जब 2012 में बीएमसी हुए चुनाव हुए थे तो उस समय कांग्रेस के कुल 52 उम्मीदवार जीत कर मनपा में आए थे और उस समय केंद्र में कांग्रेस (यूपीए) की सरकार थी। अक्सर यही होता है कि केंद्र में जिस पार्टी की सरकार रहती है पंचायती, नगर परिषद् चुनाव में उसी की जीत होती है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही महाराष्ट्र में संपन्न हुआ चुनाव है।
कांदिवली, मालाड का मालवणी, अंधेरी पश्चिम, जोगेश्वरी पश्चिम ,बान्द्र पूर्व और पश्चिम, कुलाबा, मस्जिद, दादर-नायगाव, वडाला,एंटाप हिल और मानखुर्द ऐसे कुछ इलाके हैं जहां कांग्रेस अपने को सेफ मानती हैं। लेकिन विधानसभा और लोकसभा में जिस तरह बीजेपी ने जीत हासिल की उससे बीजेपी के हौसले बुलंद हैं। वह पूरी ताकत के साथ इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस को खुद उन्हीं के बड़े नेताओं ने भी धोखा दिया है। एक समय कांग्रेस नेता रहे रमेश सिंह ठाकुर सहित उनके बेटे नगरसेवक सागर सिंह ठाकुर, अंधेरी पूर्व के केशरबेन पटेल ने बीजेपी का तो मालाड कुरार विलेज के भोमसिंह राठोड, कांदिवली के योगेश भोईर ने कांग्रेस छोड़ कर शिवसेना का दामन थामा। यही नहीं कांग्रेस के अन्य कई नेता भी बीजेपी के सम्पर्क में हैं। इसे देखते हुए लगता है कि कांग्रेस की इस चुनाव में कांग्रेस की डगर में कांटे ही कांटे हैं। अब देखना है कि कांग्रेस इन कांटों से कैसे पार पाती है।

 

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