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उत्तर पश्चिम सीट पर शिवसैनिक गजानन किर्तीकर बनाम पूर्व शिवसैनिक संजय निरुपम की टक्कर


उत्तर पश्चिम सीट पर शिवसैनिक गजानन किर्तीकर बनाम पूर्व शिवसैनिक संजय निरुपम की टक्कर
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मुंबई के उत्तर पश्चिम सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक नजर आ रहा है। एक ओर शिवसेना से इस सीट पर मौजूदा सांसद गजानन किर्तीकर को पार्टी ने एक बार फिर से मौका दिया है तो वही दूसरी ओर कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद संजय निरुपम को उतारा है। शिवसेना की ओर से गजानन किर्तीकर इस सीट पर दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे है। गजानन किर्तीकर को शिवसेना का कद्दावर नेता माना जाता है और बालासाहेब ठाकरे से किर्तीकर के संबंध काफी अच्छे रहे है ।



क्या है सीट का इतिहास
साल 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद इस सीट का परिसीमन किया गया। कांग्रेस से सुनील दत्त 1999 और 2004 में सांसद रहे। इसके बाद इस सीट का परिसीमन हुआ और इस मतदान क्षेत्र का स्वरूप बदला गया। नए मतदान क्षेत्र के पहले सांसद कांग्रेस के गुरुदास कामत चुने गए, लेकिन सन 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना के कीर्तिकर विजेता बने। सुनील दत्त के समय इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा होता था लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ने इस सीट पर बीजेपी और शिवसेना को अच्छी पकड़ दिलवाई।

16 लाख से ज्यादा मतदाता
लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या कम हुई है। सन 2014 के चुनाव में कुल 17 लाख 75 हजार 187 मतदाता थें जबकि इस साल होने वाले चुनाव में 77 हजार 519 वोटरों की संख्या घट गई है। चुनाव आयोग के अनुसार, 31 जनवरी 2019 में कुल 16 लाख 97 हजार 668 मतदाता हैं।

शिवसेना के कद्दावर नेता
गजानन किर्तीकर को शिवसेना के कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता है। शिनसेना में किर्तीकर को नंबर दो के नेताओ में माना जाता है यानी की उद्धव ठाकरे से किर्तीकर की सीधी पहुंच है। गजानन किर्तीकर के संबंध शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे से काफी अच्छे रहे है। उन्ही के राज में किर्तीकर पहली बार विधायक बने । किर्तीकर ने शिवसेना से जुड़ने के बाद किसी भी और पार्टी का रुख नहीं किया।

लंबा राजनीतिक अनुभव
गजानन कीर्तिकर 1990 से 2009 तक मुंबई में मलाड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से लेसेलेटिव के सदस्य रहे हैं। वह शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। साल 2014 के आम चुनाव (16 वीं लोकसभा) में, उन्होंने महाराष्ट्र में मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के लिए, गुरुदास कामत को लगभग 1,83,000 मतों के अंतर से हराया। गजानन कीर्तिकर ने स्थानीय लोगों को नौकरी पाने में मदद करने के लिए स्टानिया लोकादिकर समिति शुरू की।

उत्तर भारतीय समाज में भी पकड़
गजानन किर्तीकर शिवसेना के उन गिने चुने नेताओं में से है जिन्हे उत्तर भारतीय समाज का भी कुछ समर्थन मिलता है। किर्तीकर के इलाके में उत्तर भारतीयों का एक बहुत बड़ा समुदाय है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर भारतीयों ने काफी बड़ी संख्या में किर्तीकर को वोट डाला था। इसके साथ ही ऐसे कई उत्तर भारतीय संगठन भी है जो खुल किर्तीकर का समर्थन करते है।


क्या था 2014 का गणित

साल 2014 में मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर कुल 17 लाख 75 हजार 416 मतदाता मौजूद थे.वहीं इस सीट 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ने उतरे थे. जिनमें से शिवसेना के दिग्गज नेता गजानन कीर्तिकर ने 4 लाख 64 हजार 820 वोटों की सहायता से जीत हासिल की थीदूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी गुरुदास कामत को 2 लाख 81 हजार 792 वोटों से संतुष्ट करना पड़ा था। इसके अलावा मनसे का फिल्म अभिनेता महेश मांजरेकर को चुनाव में उतारने का दांव सफल साबित नहीं हुआ और वह 66 हजार 88 वोट ही प्राप्त कर सके थे।



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