भारत सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) कानून बनाए जाने के बाद के देश के कई राज्यों में अराजकता का माहौल है। इसी बीच इस कानून के खिलाफ वाम दलों ने 19 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय किया है।
इस कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाली पार्टियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), CPI (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी सहित अन्य वाम दल की विचारधारा वाली पार्टियां शामिल हैं। इन सभी ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर इस कानून को भारतीय संविधान का उल्लंघन करने जैसा करार दिया है।
पार्टियों ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, नागरिकता (संशोधन) विधेयक भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। संसद के दोनों सदनों से CAB को पारित कर दिया है। वामपंथी दल इस बिल को भारतीय संविधान का पूरी तरह से उल्लंघन मानते हैं।
बयान में आगे लिखा गया है कि इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय गणतंत्र की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक नींव को नष्ट करना है। वामपंथी दल इस विधेयक का पुरजोर तरीके से विरोध करता है।
वामपंथी दलों का यह मानना है कि CAB देश में "सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देगा" जो भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।
अब देखना है कि वाम दलों दारा आव्हान किये गये इस आंदोलन पर सरकार का क्या रुख रहता है। वैसे इस समय इस कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में हड़ताल शुरू है।