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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव- कांग्रेस कम से कम 84 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है

महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-  कांग्रेस कम से कम 84 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है
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महाविकास अघाड़ी की घटक पार्टियो यानी की शिवसेना(UBT),एनसीपी(SP) और कांग्रेस ने साफ कर दिया की आगामी विधानसाभा चुनाव तीनो ही पार्टियां साथ मे लड़नेवाली है। हालांकी अभी तक तीनो ही पार्टियो मे सीट बंटवारो को लेकर कोई भी फैसला नही हुआ है।  इस संबंध में समझा जा रहा है कि मंगलवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय नेताओं की बैठक में राज्य के नेताओं ने सीट बंटवारे का फार्मूला प्रस्तावित किया है। (Maharashtra Assembly Elections Congress is likely to contest at least 84 seats)

लोकसभा चुनाव में जीती गई प्रत्येक सीट के लिए सीट बंटवारे का प्राथमिक फार्मूला विधानसभा में छह सीटों का हो सकता है। अगर यह फार्मूला स्वीकार कर लिया जाता है तो कांग्रेस कम से कम 84 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकेगी। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 14 सीटें जीती हैं।

सूत्रों का कहना है कि इस फार्मूले को लेकर महाविकास अघाड़ी में घटक दलों के नेताओं से कोई चर्चा नहीं हुई। चूंकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीती हैं, इसलिए समझा जा रहा है कि राज्य के नेताओं ने यह रुख अपनाया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिक सीटें दी जानी चाहिए। केंद्रीय नेताओं के निर्णय के बाद महाविकास अघाड़ी की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।

हालांकि इस बैठक में सीट आवंटन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। क्षेत्रीय प्रभारी रमेश चेन्निथला ने बैठक के बाद कहा कि महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के नेताओं से चर्चा के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। गठबंधन के घटक दलों के साथ 20 जुलाई के बाद बैठक होने की संभावना है।

राहुल गांधी ने क्षेत्रीय नेताओं को विधानसभा चुनाव में भी उसी रणनीति को जारी रखने की सलाह दी है, जिस तरह लोकसभा चुनाव में नेताओं को जिलेवार जिम्मेदारी देकर चुनावी जिम्मेदारी के विकेंद्रीकरण की रणनीति बनाई गई थी। समझा जा रहा है कि बैठक में महाविकास अघाड़ी के सीट आवंटन के लिए समन्वय समिति नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।

लोकसभा की तरह राज्य विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस संविधान, जातिवार जनगणना और महागठबंधन सरकार में भ्रष्टाचार जैसे बड़े मुद्दे उठाएगी। चार महीने से टल रहे विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस नेताओं की अहम बैठक हुई।

14 जुलाई को मुंबई में बैठक

लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की सफलता के साथ ही विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया गया है। राज्य में 12 जुलाई को विधान परिषद चुनाव होंगे, जिसके बाद 14 जुलाई को मुंबई में प्रदेश कांग्रेस के नेता बैठक करेंगे। बैठक के बाद क्षेत्रीय प्रभारी रमेश चेन्निथला ने बताया कि इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर फिर से विस्तार से चर्चा की जाएगी।

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचार किया था कि भाजपा सरकार का मतलब कमीशन वाली सरकार है। महाराष्ट्र में भी इसी मुद्दे पर महागठबंधन सरकार के खिलाफ प्रचार किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य में महायुति सरकार 70 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है और यह संदेश लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

मराठा और ओबीसी के बीच आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है और जातिवार जनगणना ही इस मुद्दे को सुलझाने का एकमात्र विकल्प है। नाना पटोले ने कहा कि अभियान में आरक्षण, किसानों के मुद्दे आदि मुद्दे मुख्य रूप से उठाए जाएंगे।

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