यदि मराठा आरक्षण (Maratha reservation) और ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण पर विशेष सत्र आयोजित किया जाता है, तो विधायकों के पास अपने विचार और राय व्यक्त करने का समय होगा। इसलिए मराठा आरक्षण और ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण पर दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने की आवश्यकता है, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant patil) ने कहा।
इस संबंध में और अधिक बोलते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जब आप एक अधिवेशन में ढाई घंटे चर्चा करते हैं, तो सभी कोण नहीं आते हैं, क्योंकि सभी को बोलने को नहीं मिलता है। इसलिए विशेष सत्र बुलाए जाने पर विधायक अपनी राय दे सकेंगे। बहुत अधिक इनपुट है। जहां तक आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का संबंध है, आरक्षण के विषय में कुछ अस्पष्टताएं हैं। पिछड़ापन आयोग क्यों खारिज कर दिया गया? इस पर अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है। रियायतों के लिए कई नए प्रस्ताव हैं।
मराठा आरक्षण आणि ओबीसी समाजाचे राजकीय आरक्षण या विषयांवर जर विशेष अधिवेशन घेतले तर आमदारांना त्यांचे मत आणि त्यांचे विचार मांडण्यास वेळ मिळेल. pic.twitter.com/QPx1qzH2M4
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) June 17, 2021
चंद्रकांत पाटिल ने समझाया कि आज किसी के मन में 100 से 200 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी जुटाने का विचार आया, जिससे महाराष्ट्र में कई युवा बहुत सारे व्यवसाय कर रहे हैं, बहुत सी बातें चर्चा में हैं।
इस बीच, मराठा आरक्षण पर मौन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छत्रपति संभाजी राजे और अन्य सहयोगियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मंत्रियों ने गुरुवार को तीन घंटे की चर्चा की। इस चर्चा में हम आज की तरह एक साथ बैठेंगे और सांसद संभाजी राजे द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान करेंगे। सारथी की योजनाओं को कहीं भी धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
साथ ही इस बात का भी भरोसा रखें कि जिस विभाग में प्रश्न लम्बित है, उस पर तुरंत कार्यवाही कर निराकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठा आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि समाज के चुने हुए सदस्यों की समिति बनाकर हम आज संभाजी राजे छत्रपति द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए समन्वय से काम करेंगे।
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