एक तरफ जहां लॉकडाउन (lockdown) की वजह से लोगों का आर्थिक गणित बिगड़ गया है, तो वहीं पेट्रोल की कीमतों (petrol Price) में रोजाना हो रही बढ़ोतरी से आम आदमी की कमर टूट गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra congress) ईंधन की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ राज्य भर में आंदोलन कर रही है और ईंधन पर लगने वाले सेस को रद्द करने की मांग कर रही है।
फिलहाल पेट्रोल और डीजल (petrol-diesel) की कीमत में प्रति लीटर 18 रुपये सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के रूप में लिए गए हैं। साथ ही पेट्रोल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का कृषि सेस भी लगाया जाता है।
महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले (nana patole) ने कहा कि, हो रही इस डकैती के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सोमवार सुबह राज्य भर में एक ही समय पर यानी 11 बजे, 1 हजार स्थानों पर, हर विधानसभा क्षेत्र के 3 पेट्रोल पंप पर आंदोलन कर विरोध जताया गया।
मोदी सरकार का कड़ा विरोध सोमवार सुबह 11 बजे राज्य भर में 1000 स्थानों पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 3 पेट्रोल पंपों पर किया गया।
कोरोनाच्या संकटाने जनता त्रस्त असताना त्यात महागाईचा मार सहन करावा लागत आहेत. मोदी सरकारच्या इंधन व गॅसच्या अन्यायी दरवाढीविरोधात जालना येथे आंदोलन करण्यात आले. pic.twitter.com/p4YuJBrKHa
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) June 7, 2021
उन्होंने कहा, "केंद्र में जब डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस प्रणित सरकार थी, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 प्रति बैरल से अधिक थी, बावजूद इसके घरेलू कीमतों को बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंनेे सामान्य लोगों को दिलासा देने में मुख्य भूमिका निभाई थी। लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 64 अरब डॉलर प्रति बैरल के आसपास होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं।"
नाना पटोले ने आगे कहा कि, मोदी सरकार आम आदमी की सरकार नहीं है, यह मुट्ठी भर धनी उद्योगपतियों के लिए काम करने वाली सरकार है।
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