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किसानों के सामने सरकार ने टेके घुटने


किसानों के सामने सरकार ने टेके घुटने
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किसानों के सामने आखिरकार सरकार को अपने घुटने टेकने पड़े। राज्य सरकार द्वारा किसानों की लगभग 70 फीसदी मांग को मान लेने के बाद किसानों ने जारी हड़ताल रद्द कर दी। मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिले किसानों की इस दो दिवसीय हड़ताल की वजह से प्रभावित थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ हुई इस बैठक में राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत सहित किसानों के प्रतिनिधी भी उपस्थित थे। रात 12.30 बजे के करीब ये बैठक ली गई, पौने चार बजे करीब ये बैठक समाप्त हुई।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की कि अल्प भू-धारक बकाया कर्ज वाले किसानों के कर्ज 31 अक्टूबर तक माफ किया गया है। राज्य के सभी अल्प भू-धारक किसानों को कर्जमाफी के लिए एक समिती स्थापित की गई है। ये समिती 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार के सामने प्रस्तुत करेगी।

बैठक का मुद्दा

  • बढ़ाए गए बिजली बिल पर पुनर्विचार।
  • दूध के भाव संबंध में तटस्थ निरीक्षक चयन करने संबंध में विचार।
  • बकाया बिल का ब्याज और दंड ब्याज रद्द करने का निर्णय।
  • आनेवाले अधिवेशन में इस पर कानून बनाया जाएगा।
  • खराब हुए खेतीमाल के लिए प्रक्रिया उद्योग लाएंगे।
  • राज्य कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की जाएगी।
  • किसानों पर दर्ज किए मामले वापस लिए जाएंगे।
  • गुंड़ों पर दाखिल किए मामले वापस नहीं लिए जाएंगे।
  • साथ ही इस बैठक में दूध के दाम बढ़ाने पर भी बात की गई।
  • आंदोलन में जिस किसान की मृत्यु हुई है, उसके परिवार को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्जमाफी के लिए सरकार की भूमिका सकारात्मक है। 31 अक्टूबर तक कर्जमाफी पर कार्रवाई की जाएगी। कर्जमाफी संबंध में अध्ययन के लिए एक समिती का चयन किया गया है।


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