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मराठा आरक्षण: 23 जनवरी तक कोई नियुक्ति नहीं

बुधवार को 'मराठा आरक्षण' के खिलाफ दायर की गयी एडवोकेट जयश्री पाटील की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट को राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि मराठा समुदाय को आरक्षण मुहैया करने वाले नए कानून के तहत 23 जनवरी तक अपने विभागों में वह कोई नियुक्ति नहीं करेगी।

मराठा आरक्षण: 23 जनवरी तक कोई नियुक्ति नहीं
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा 72 हजार मेगा भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने के मामले में सरकार की तरफ से कोर्ट को यह बताया गया कि उसने भले ही भर्ती की घोषणा की है लेकिन वह उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं देगी। दरअसल बुधवार को 'मराठा आरक्षण' के खिलाफ दायर की गयी एडवोकेट जयश्री पाटील की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट को राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि मराठा समुदाय को आरक्षण मुहैया करने वाले नए कानून के तहत 23 जनवरी तक अपने विभागों में वह कोई नियुक्ति नहीं करेगी। 

कोर्ट में लगाई थी फटकार
मराठाओं को एसईबीसी कोटे के तहत 16 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद राज्य में आरक्षण का कुल कोटा बढ़ कर 52 फीसदी हो गया था, जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गयी गाइड लाइन 50 फीसदी से अधिक है। इस आरक्षण के विरोध में एडवोकेट जयश्री पाटील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। पिछली सुनवाई में यानी 10 दिसंबर को कोर्ट ने सरकार को मेगाभर्ती को लेकर फटकार लगाते हुए सरकार से पूछा था कि आखिर इस भर्ती को लेकर सरकार इतनी जल्दबाजी में क्यों है? वह भी जब तक इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं कोर्ट में विचाराधीन हैं। 

23 तक कोई नियुक्ति नहीं
बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की तरफ से कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया। इस हलफनामे में सरकार की तरफ से बताया गया कि राज्य सरकार सुनवाई की अगली तारीख यानी 23 जनवरी तक कोई नियुक्ति नहीं करेगी। यही नहीं पिछली सुनवाई में अदालत ने सरकार से पूछा था कि क्या वह राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट सार्वजनिक करने को इच्छुक है। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए सरकार ने बताया कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से उन्हें ऐतराज है। 

'पेश करो सभी हलफनामा'
अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी। अदालत ने राज्य सरकार से 11 जनवरी तक इस मामले में सभी हलफनामा पेश करने को कहा है साथ ही आरक्षण के विरोध और समर्थन वाले भी हलफनामा 17 जनवरी तक पेश करने का आदेश दिया।

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