राज्य के बजट सेशन(Budget session) 24 फरवरी के शुरु होने जा रहा है। इस बार का बजट सेशन 18 दिनों को होगा। राज्य सरकार राज्य का बजट 6 मार्च को पेश करेगी। इसके साथ ही महिलओ(ladies) पर बढ़ रहे अत्याचार के मामले को देखते हुए महिला सुरक्षा का मुद्दा(women safety), महिलाओं के खिलाफ अपराध की फास्ट ट्रायल कोर्ट(fast trial court) के मुद्दे को 5 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा में चर्चा के लिए रखा जाएगा। उद्धव ठाकरे सरकार का यह पहला बजट होगा। राज्य के वित्तमंत्री अजित पवार(ajit pawar) पहली बार बजट पेश करेंगे। अजित पवार उपमुख्यमंत्री होने के साथ साथ राज्य के वित्तमंत्री भी है।
किन किन मुद्दो पर हो सकता है जोर
उद्धव ठाकरे सरकार पहली वार अपना बजट पेश कर रही है। राज्य के वित्तमंत्री अजित पवार ने पहले ही कहा है की पिछली देवेंद्र फड़णवीस(devendra fadanavis) सरकार ने राज्य के उपर काफी कर्ज(debt) छोड़ा है जिसके कारण राज्य पर खर्च का बोझ काफी बढ़ गया है। किसानों की कर्जमाफी के लिए भी राज्य सरकार कोई बढ़ा एलान कर सकती है। इसके साथ ही राज्य के इंनफ्रास्ट्रक्चर(infrastructure) को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार काफी बढ़ी रकम इस क्षेत्र को दे सकती है।
पिछली सरकार ने सामाजिक और सामुदायिक सेवाओं पर दिया था जोर
महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार देवेंद्र फड़नवीस ने फरवरी 2019 में कृषि, सिंचाई और परिवहन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए 99,000 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया था। 99,000 करोड़ रुपये की कुल विकास योजना में से, उच्चतम राशि - 38,054 करोड़ रुपये सामाजिक और सामुदायिक सेवाओं के लिए प्रस्तावित थे। इसके बाद परिवहन के राज्य परिवहन बस डिपो और अन्य सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए लिए, 14,171.05 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था।
बाद में जून 2019
में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20
के लिए 'प्रगतिशील'
अंतरिम बजट पेश किया और इसे अंतिम अंतरिम रूप से 1,586
करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया और 4,03,207
करोड़ रुपये का बजट पेश किया। राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार,
जिन्होंने विधानसभा में बजट पेश किया,
ने कहा कि राजस्व व्यय 3,34,933
करोड़ रुपये और 20,292
करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है। बजट मुख्य रूप से कृषि और संबद्ध क्षेत्र को बढ़ाने पर केंद्रित था।