महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट का अंदाजा राज्य के खुफिया विभाग (SID) ने दो महीने पहले सरकार को दिया था। शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत आठ से दस विधायक विपक्ष के संपर्क में थे, दो महीने पहले एसआईडी अधिकारियों ने दी थी गोपनीय जानकारी। इंडियन एक्सप्रेस की रिर्पोट में ये बात सामने आई है।
SID ने एकनाथ शिंदे के विद्रोह का पूर्वाभास दिया था। ऐसे में एसआईडी की मदद से कुछ करना पड़ा। लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि राज्य पुलिस को पुलिस अधिकारियों से भी खुफिया जानकारी मिलती है, जिन्हें अक्सर राजनेताओं के लिए विशेष सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त किया जाता है।
SID का काम राज्य में संभावित विकास, राजनीतिक विकास और आंदोलनों, अपराध के साथ-साथ असामाजिक, आतंकवादी और माओवादी गतिविधियों की अग्रिम सूचना की निगरानी करना है। महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने के लिए राज्य खुफिया विभाग की स्थापना की।
इस बीच राज्य में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत से राज्य में हड़कंप मच गया है। इस विद्रोह का सीधा असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा।बताया जाता है कि एकनाथ शिंदे के साथ करीब 40 विधायक हैं।
समझा जाता है कि एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों के साथ एक स्वतंत्र समूह बनाएंगे। इससे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने की संभावना पैदा हो गई है। इस बीच, एकनाथ शिंदे सहित विधायक इस समय असम के गुवाहाटी के रैडिसन होटल में ठहरे हुए हैं।
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