राज्य सरकार पतंजलि पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान होती दिख रही है। राज्य सरकार ने ई-सेवा केन्द्रों में अब पतंजलि के उत्पादों को भी बेचने का आदेश दिया है। ई-सेवा केन्द्र आम नागरिको के लिए आयकर और अधिवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार और पासपोर्ट से संबंधित दस्तावेज प्रदान करने का कार्य करते है। लेकिन अब इन्ही सेवाओं के साथ साथ अब ई सेवा केंद्रो पर पतंजलि के उत्पादक भी बेचे जाएंगे।
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महाराष्ट्र सरकार ने अपने ई-सेवा केंद्रों के माध्यम से पतंजली उत्पादों को प्रदान करने के लिए एक कदम उठाया है, जब रामदेव की कंपनी ने बड़ी ई-कॉमर्स की योजना की घोषणा की थी और फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन सहित आठ ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियों के साथ करार किया था। सरकारी सेवाओं के अलावा, मुंबई और बाकी शहरो में फैले इन केंद्रों से नागरिकों को रेल, बस और हवाई टिकट, बिल भुगतान और सभी प्रकार के रिचार्ज जैसे कि सिम कार्ड, डी 2 एच, और डेटा कार्ड बुकिंग करने में मदद मिलती है।
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राज्य सरकार के लगभग 7,000 ई-सेवा केंद्र सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर चल रहे हैं। पतंजलि ही एकमात्र ऐसी फर्म है जिसे उत्पाद / सेवाओं की सूची में उल्लेख किया गया है 2006 में हरिद्वार में पतंजलि की स्थापना की गई थी। पतंजलि अब एक एफएमसीजी का विशालकाय नेटवर्क बन गया है जो 200,000 लोगों को रोजगार दे रहा है, इसके वित्त वर्ष 2017 की बिक्री में 10,561 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।