मराठा आरक्षण पर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रतिवाद याचिका( कैवीएट) डाली है। महाराष्ट्र सरकार ने यह याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ डाली जाने वाली याचिकाओं का अनुमान लगाकर डाली है।महाराष्ट्र सरकार की तरफ से यह याचिका एडवोकेट निशांत आर काटनेस्वारकर ने डाली है।
क्या कहा गया है याचिका में
याचिका मे कहा गया है कि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ डाली जाने वाली याचिकाओं पर कोई भी आदेश बिना महाराष्ट्र सरकार का पक्ष सुने ना दिया जाए।
मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक ने भी दायर किया कैवीएट
मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करनेवाले संगठन मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक विनोद पाटील ने भी सुप्रीम कोर्ट में इसी मुद्दे पर कैवीएट दाखिल की है। मराठा क्रांति मोर्चा ने राज्य में मराठा आरक्षण के लिए कई आंदोलन किये थे। विनोद पाटील की ओर से वकिल संदिप देशमुख ने कोर्ट में कैवीएट दायर की है।
क्या था बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला
गुरुवार को मराठा आरक्षण मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मराठा आरक्षण को सही ठहराय़ा था हालांकी इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा को मराठा समुदाय को 16 फिसदी आरक्षण की जगह 12 प्रतिशत आरक्षण नौकरी और 13 प्रतिशत आरक्षण पढ़ाई में मिलना चाहिये।
यह भी पढ़े- मराठा आरक्षण सही लेकिन 16 की जगह हो 12 से 13 प्रतिशत- बॉम्बे हाईकोर्ट