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मुंबई में बुलेट ट्रेन की एक ईंट भी नहीं रखने देंगे- राज ठाकरे


मुंबई में बुलेट ट्रेन की एक ईंट भी नहीं रखने देंगे- राज ठाकरे
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शुक्रवार को मुंबई के एलफिन्स्टन रोड स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए। इसे मुंबई के लोकल स्टेशन के इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जा रही है। अब इस मामले पर राजनीति गरम हो गई है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को एक प्रेस शो करके इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लिया, साथ ही मनसे ने बुलेट ट्रेन का विरोध करते हुए आने वाले 5 अक्टूबर को चर्चगेट के रेलवे मुख्यालय पर आंदोलन करने की भी धमकी दी। राज ने क्या कहा पेश है संक्षिप्त में कुछ अंश-

मुंबई में बुलेट ट्रेन की ईंट नहीं रखने देंगे
राज ठाकरे ने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि जब तक मुंबई में रेलवे के मुलभुत हालात नहीं सुधरेंगे तब तक वे मुंबई में बुलेट ट्रेन की एक ईंद तक नहीं रखने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि मोदी को अगर बुलेट ट्रेन चलाना है तो गुजरात में ही चलाएं, यहं तो पैदल चलना ही कठिन है।


बाहरी को बताया जिम्मेदार
राजक ठाकरे ने एक बार फिर से बाहरी लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक बाहरी लोगों का आना नहीं रुकेगा तब तक इसी तरह की घटनाए होती रहेगी, हर रोज हजारों लोग मुंबई आते हैं और सब बाहरी होते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाती है, बीजेपी आती है, कुछ भी नहीं बदलता। ठाकरे ने कहा कि हर साल 15000 लोग रेल हादसे में मरते हैं और इनमें 6 हजार मुंबई में मरते हैं, लोगों को समझना होगा कि सिर्फ सरकार बदलने से कुछ नहीं होता।


5 अक्टूबर को मोर्चा
5 अक्टूबर को मोर्चे का आन्दोलन करते हुए राज ने कहा कि चर्चगेट से हम मोर्चा निकालेंगे। मैं खुद इस मोर्चा में शामिल रहूंगा। मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों की हम जानकारी लेंगे और रेलवे ऑफिसों में जाएंगे, लोग आगे आएंगे और मोर्चा के लिए आएंगे।


रेलवे को बताया आतंकवादी
रेलवे की तुलना आतंकवादी से तुलना करते हुए राजे ठाकरे ने कहा जब तक रेलवे का यही हाल रहेगा हमें आतंकवादियों की क्या जरूरत? ऐसा लगता है कि लोगों को मारने के लिए हमारे यहां रेलवे ही काफी है।


स्पिरिट नहीं मज़बूरी है
राज ठाकरे ने दुर्घटना के बाद की स्थिति पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद लोग जिस तरह से फिर से काम पर जाते हैं यह कोई स्पिरिट नहीं है बल्कि नौकरी की मज़बूरी होती है।


पहनने के लिए चड्ढी नहीं और सूट का कपड़ा खरीदने चले हैं
राज ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि पहनने के लिए चड्ढी नहीं और सूट का कपड़ा खरीदने चले हैं। मतलब राज का इशारा स्थानीय मुद्दे की ओर था। उन्होंने बुलेट ट्रेन को सूट के कपड़े से तुलना की। राज ठाकरे ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हर साल रेल हादसों में 15 हजार मौतें होती हैं जिसमें से अकेले 6 हजार मुंबई में ही होती हैं। कांग्रेस के जाने और बीजेपी के आने से क्या बदलाव हो गया।


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