लगता है परिस्थिति को भांपते हुए अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानि एमएनएस भी अपनी रणनीति बदल रही है। फेरीवालों और हॉकर्स के विरोध में हमेशा खड़ी रहने वाली एमएनएस ने फेरीवालों के तत्काल पुनर्वसन की मांग की है। यही नहीं एमएनएस ने बीएमसी अधिकारीयों को चेतावनी भी दी है कि अगर यह कार्य नहीं किया गया तो एमएनएस का आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है।
फेरीवालों का हो पुनर्वसन
एमएनएस विभाग अध्यक्ष यशवंत किल्लेदार के नेतृत्व में पूर्व नगरसेवक मनीष चव्हाण सहित कांग्रेस के शिष्ट मंडल ने बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता से मुलाकात की। इस मुलाकात में एमएनएस और कांग्रेस के शिष्ट मंडल द्वारा फेरीवालों का जल्द से जल्द पुनर्वसन हो इसकी मांग की।यही नहीं शिष्टमंडल द्वारा कहा गया कि इन फेरीवालों को रेलवे परिसर से हटा कर स्टेशन परिसर के 150 मीटर बाहर 3 मीटर क्षेत्र की जगह में स्थापित किया जाये।
लापरवाही से फेरीवाले बेहाल
इस समय फेरीवालों के सर्वे का काम जारी है। उनकी सारी जानकारी इकट्ठी कर उसे कम्प्यूटरीकृत माध्यम से संकलित किया जायेगा। लेकिन फेरीवालों के संदर्भ में शुरू की गयी योजनाएं अभी भी पेंडिंग में होने से कई फेरीवाले अभी भी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। एमएनएस का कहना है कि कई मराठी भाषी में फेरीवाले हैं लेकिन बीएमसी की लापरवाही के कारण उन्हें भी लाभ नहीं मिल रहा है।