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फिरौती वसूलने वाली सरकार, मेहनतकश व्यापारियों और दुकानदारों की दुर्दशा को कैसे जानेगी - मनसे

मनसे नेता ने आगे कहा, फिरौती वसूलने वाली सरकार, मेहनतकश व्यापारियों और दुकानदारों की दुर्दशा को कैसे जानेगी? कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सभी नियमों का पालन करते हुए सभी को व्यवसाय चालू रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

फिरौती वसूलने वाली सरकार, मेहनतकश व्यापारियों और दुकानदारों की दुर्दशा को कैसे जानेगी - मनसे
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राज्य में कड़क पाबंदी लगाने के खिलाफ मनसे (mns) ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। इसी मुद्दे पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra navnirman sena) के नेता और पूर्व विधायक नितिन सरदेसाई (nitin sardesai) राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमणों की श्रृंखला को तोड़ना के लिए वीकेंड लॉकडाउन (weekend lockdown) सहित सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। जिसके अंतर्गत स्थानीय प्रशासन छोटे मोटे दुकानदारों और छोटे व्यवसायों को बंद करने के लिए मजबूर कर रही है। इससे दुकानदारों और व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। 

मनसे नेता ने आगे कहा, फिरौती वसूलने वाली सरकार, मेहनतकश व्यापारियों और दुकानदारों की दुर्दशा को कैसे जानेगी? कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सभी नियमों का पालन करते हुए सभी को व्यवसाय चालू रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। अन्यथा, सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि व्यापारी समुदाय के गुस्से से कोई बच नहीं पाएगा।

राज्य सरकार ने 'ब्रेक द चेन' (break the chain) अभियान के तहत सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन इन प्रतिबंधों ने छोटे व्यवसायों को नाराज कर दिया है। सरकार के विरोध में व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र नवनिर्माण व्यपारी सेना के द्वारा राज्य सरकार को एक निवेदन भेजा गया है। इस निवेदन में कहा गया है कि, 'महाराष्ट्र में लगभग 1.5 मिलियन व्यापारी हैं। इसके अलावा, उनके कर्मचारी और उनका परिवार भी उनसे जुड़ा हुआ है। पिछले साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन ने छोटे व्यापारियों और दुकानदारों पर भारी असर डाला है। श्रमिकों के वेतन, बिजली के बिल और करों का भुगतान करने के बाद भी, व्यापारी फिर से क्यों खड़ा हुआ? उसे पटरी में आने मेंं चार से पांच महीने लग गए।'

एमएनएस व्यापारियों के अध्यक्ष यशवंत किल्डार ने मांग की है कि 'इन छोटे व्यापारियों को एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे की मांग के अनुसार सप्ताह में कम से कम 2-3 दिन व्यापार करने की अनुमति दी जानी चाहिए।'

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