Advertisement

प्रवासी मजदूर काम करें लेकिन मनसे ने रखी यह शर्त


प्रवासी मजदूर काम करें लेकिन मनसे ने रखी यह शर्त
SHARES


प्रवासी मजदूरों (migrant workers) द्वारा महाराष्ट्र वापस लौट कर काम करने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कुछ शर्तें रखी हैं। अपनी इन शर्त रूपी मांगों को लेकर मनसे (MNS) के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (governor bhagat singh koshyari) से मुलाकात की। इस प्रतिनिधि मंडल में एमएनएस के नेता बाला नंदगांवकर, अमित ठाकरे, महासचिव शालिनी ठाकरे और विधायक राजेश पाटिल शामिल थे। 

मनसे ने अपनी शर्त में कहा है कि, यदि प्रवासी मजदूर वापस आते हैं तो उन्हें इंटर-स्टेट माइग्रेशन अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना होगा और कोरोना वायरस (Coronavirus) टेस्ट कराने के बाद ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। इसके अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार को महाराष्ट्र में उपलब्ध नौकरियों में पहले स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

विधायक राजू पाटिल ( MNS MLA raju patil) ने अपने निवेदन में लिखा है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) के कारण महाराष्ट्र में हजारों प्रवासी मजदूर फंस गए थे। ये सभी मजदूर अपने राज्य में जाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। चूंकि राज्य सरकार के पास ऐसे मजदूरों का कोई पंजीकरण नहीं है, इसलिए मजदूरों को उनके गृहनगर भेजने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।  यदि सरकार के पास बाहर से आए इन मजदूरों का पंजीकरण होता तो उन सभी को अपने-अपने राज्यों में उचित नियोजन के साथ भेजना सुविधाजनक होता।


निवेदन में आगे लिखा गया है कि, इस समय ऐसी खबरें आ रही हैं कि वापस गए मजदूर काम के सिलसिले में फिर से महाराष्ट्र आ रहे हैं। पिछली गलतियों को सुधारने का यह सही समय है। राज्य में कोरोना की स्थिति को देखते हुए, मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर और औरंगाबाद जैसे शहरों में पहले से ही कोरोना का प्रकोप जारी है।  इसलिए अब ये शहर ओवर पॉपुलेशन (यानी अधिक जनसंख्या) का बोझ नहीं उठा सकते। इसके अलावा, राज्य में कई कंपनियों और व्यवसायों के बंद होने के कारण, रोजगार भी घट रहा है और राज्य में कई बेरोजगारों को रोजगार की आवश्यकता है।  इसलिए, राज्य में उपलब्ध नौकरियों में स्थानीय लोगों को पहली प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।

मनसे के अनुसार यदि कोरोना जैसी कोई अन्य आपदा आती है, तो इसे दूर करने के लिए अभी से योजना बनाना आवश्यक है।  इसके लिए, अन्य राज्यों से लौटने वाले नागरिकों की स्थायी जानकारी की आवश्यकता होगी। यह तब संभव होगा जब अंतरराज्यीय प्रवासन अधिनियम के तहत पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया हो।  साथ ही, राज्य में कई व्यवसाय, कंपनियां और उद्योग बंद हो गए हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है।

इसलिए, मनसे ने मांग की है कि राज्य में उपलब्ध रोजगार में 80 फीसदी स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें