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Amazon मामले में राज ठाकरे को कोर्ट का नोटिस

नोटिस मिलने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) के नेता अखिल चित्रे (akhil chitre) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 'amazon' को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

Amazon मामले में राज ठाकरे को कोर्ट का नोटिस
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ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी अमेज़न (Online marketing company amazon) मामले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे (MNS chief Raj Thackeray) को गोरेगांव की दिंडोशी अदालत (Dindoshi Court) ने नोटिस (Notice) भेज हाजिर रहने का फरमान सुनाया है।

बावजूद इसके मनसे के तेवर जरा भी ढीले नहीं पड़े हैं। नोटिस मिलने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) के नेता अखिल चित्रे (akhil chitre) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 'amazon' को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

आपको बता दें कि, कुछ समय से मनसे (mns) की तरफ से मांग की गई थी कि, ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी 'अमेजॉन' (Amazon) और 'फ्लिपकार्ट' (Flipkart) को अगर महाराष्ट्र में अपना कारोबार करना है तो उन्हें अपने ऑनलाइन शॉपिंग एप (online shopping app) में मराठी भाषा का उपयोग करना चाहिए।

अपनी इस मांग को लेकर मनसे के कार्यकर्ताओ ने बीकेसी (bkc) स्थित अमेज़न और फ्लिपकार्ट कंपनियों के कार्यालय भी गए थे, और कंपनियों के अधिकारियों से मिलकर उन्हें अपनी मांग के बारे में अवगत कराया था।

मनसे कार्यकर्ताओं की तरफ से चेतवानी देते हुए कहा गया था कि, अगर अमेज़न और फ्लिपकार्ट अपने ऐप में मराठी भाषा का विकल्प नहीं रखते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। साथ ही ऐसा नहीं करने  पर इन दोनों ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों को अपना महाराष्ट्र से अपना बोरिया बिस्तरा समेटने को भी कहा गया था। लेकिन एमेजॉन ने मनसे के नेताओं के इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया था।

जिसके बाद नाराज मनसे सचिव अखिल चित्रे की तरफ से मुंबई के विभिन्न हिस्सों में 'no marathi, no amazon' की होर्डिंग व बैनर व पोस्टर लगाए गए थे। साथ ही मनसे कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर एमेजॉन के पोस्टर भी फाड़े थे।

इसके बाद यह मामला अदालत में पहुंचा। इस केस की सुनवाई बुधवार को हुई। सुनवाई के दौरान मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की तरफ से पार्टी के लीगल सेल अध्यक्ष किशोर शिंदे व उनके सहयोगी मौजूद थे। दिंडोशी सत्र न्यायालय ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे एवं सचिव को 5 जनवरी को अदालत में हाजिर रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

नोटिस जारी होने के बाद, मनसे सचिव अखिल चित्रे ने कहा है कि 'एमेजॉन' को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। राज ठाकरे को नोटिस भिजवाने वाले को सह्याद्री का पानी पिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनसे अपनी भूमिका पर अडिग है। एमेजॉन को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे महाराष्ट्र में व्यवसाय करने दिया जा रहा है।

दरअसल महाराष्ट्र (Maharashtra) में कुछ दिन बाद ही पंचायत चुनाव (Panchayat Election) होने वाले हैं। जिसके बाद से महाराष्ट्र में मराठी भाषा का मुद्दा (Marathi issue) एक बार फिर से गरम हो रहा है।

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