आगामी विधानसभा चुनाव में मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) अपने उम्मीदवार उतारेगी या नहीं इसे लेकर न सिर्फ राजनीतिक पार्टियां संदेह में हैं अपितु खुद मनसे के कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं। इस मुद्दे पर कुछ दिनों पहले पार्टी के सीनियर नेताओं की एक बैठक भी हुई लेकिन कोई रिजल्ट नहीं निकल सका जिसके बाद वातावरण और भी कन्फ्यूज भरा हो गया है। अब राज्य के कई क्षेत्रों से कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस मामले में राज ठाकरे को अपनी भूमिका स्पष्ट करने की अपील कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दो दिनों में राज ठाकरे इस बारे में अपनी पार्टी की भूमिका स्पष्ट कर सकते हैं।
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लोकसभा चुनाव के पहले राज ठाकरे ने बीजेपी और मोदी के खिलाफ जम का प्रचार किया था। हालांकि उस चुनाव में राज ने कोई भी उम्मीदवार खड़े नहीं किये थे। राज की सभा में लोगों की भारी भीड़ भी जमा होती थी। इसके बावजूद बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला, जिससे एक बात सिद्ध हो गयी कि लोगों ने राज ठाकरे को नकार दिया था।
जानकारों की मानें तो राज की रैली में और सभा में लोगों की भीड़ तो जुटती है लेकिन वो भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो पाती। इसी बात का डर राज को विधानसभा चुनाव में भी सता रहा है, साथ ही अभी भी मोदी लहर की बात की जा रही है। इसीलिए कुछ लोगों का मत है कि अभी पार्टी को चुनाव में नहीं उतरना चाहिए। जबकि दूसरा धड़ा का मत है कि चुनाव में हार जीत लगी रहती है, पार्टी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी तो कार्यकर्ताओं का भी हौसला बना रहेगा साथ ही अनुभव भी मिलेगा, इसीलिए चुनाव लड़ना चाहिए।
कहा यह भी जा रहा है कि मनसे ने अपनी तरफ से एक सर्वे कराया था, जिसमें कहा गया था कि 63 विधानसभा में मनसे के उम्मीदवार टॉप 3 में आने की बात कही गयी है। इसी आधार पर राज ठाकरे लोगों के साथ संवाद साध सकते हैं। अब यह सब फैसल आने वाले 2 दिनों ने हो सकता है।