मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर आज फैसला आ सकता है। मराठा समुदाय को दिए 16 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं आज कोर्ट में एक साथ आखिरी सुनवाई है। महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय को 16 फीसदी कोटा देने का फैसला किया है , जिसके विरोध में कई याचिका बॉम्बे हाईकोर्च में दाखिल की गई है।
महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज बांबे हाइकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। मराठा आरक्षण समर्थन और विरोध करनेवालो की याचिकाओं को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनने के बाद 26 मार्च 2019 को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।24 जून को इस मामले का हाईकोर्ट में उल्लेख किया गया था। इसके बाद जस्टिस आरवी मोरे और जस्टिस भारती डागरे की खंडपीठ ने 27 जून को फैसला सुनाने की बात कही थी।
क्या है आयोग की रिपोर्ट में
महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा प्रवर्ग आयोग ने घोषणा की है कि मराठा समाज शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। आयोग का कहना है कि शिवकाल की समाप्ति के बाद इस समाज की अवनति शुरू हुई। उसके बाद किसी भी राजनीतिक दल ने इस समाज की सुध नहीं ली। इसके साथ ही समय बितने के साथ साथ मराठा समुदाय के लोगों की स्थिती और भी खराब होती गई।
पिछले साल 30 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया था।