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संविधान बचाओ रैली, एकजुट होकर विपक्षियों ने दिखाई ताकत


संविधान बचाओ रैली, एकजुट होकर विपक्षियों ने दिखाई ताकत
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 26 जनवरी के दिन जहां एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहा तो वहीं दूसरी तरफ मुंबई का मौसम राजनीतिक गर्मी से तप रहा था। एक ही दिन यानी 26 जनवरी को दो रैली निकाले गए। एक सत्ता पक्ष द्वारा और दूसरा विपक्ष द्वारा। सत्ता पक्ष ने जहां एक तरफ तिरंगा यात्रा निकाला तो विपक्ष ने संविधान बचाओ रैली। माना जा रहा है कि विपक्ष ने संविधान बचाओ के बहाने जो रैली निकाली उसका असली उद्देश्य दरसल विपक्ष की ताकत दिखाना था। 


विपक्ष की इस रैली में कांग्रेस नेता संजय निरूपम, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे,एनसीपी नेता शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले, जेडीयू के बागी नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी नेता अबु आजमी, टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी सहित सीपीआई के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे. यही नहीं इस रैली में गुजरात की राजनीति में उभरे नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता अल्पेश ठाकोर भी मौजूद थे।  



2019 में एनसीपी कांग्रेस होंगे साथ 


संविधान बचाओ रैली के माध्यम से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने यह संकेत भी दिया कि आने वाले 2019 के चुनाव में वे फिर से आघाड़ी के साथ युति में रहेंगे। शिवसेना के साथ गठबंधन को उन्होंने सिरे से नकार दिया। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस एनसीपी की टक्कर बेजीपी-शिवसेना से होगी। यह रैली मंत्रालय के सामने स्थित डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति की पूजा के बाद गेटवे ऑफ़ इंडिया जाकर समाप्त हुई। इस रैली में शरद पवार ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में सभी विपक्षियों की एक बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।



रैली आयोजकों पर होगी पुलिसिया कार्रवाई?

सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने इस रैली की  मंजूरी नहीं दी थी। बावजूद इसके रैली मंत्रालय से गेटवे ऑफ़ इंडिया तक निकाली गयी। इसके मद्देनजर पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।   



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