रविवार को भारत के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई जह महाराष्ट्र मे पहली बार आए थे तो उन्हे रिसीव करने के लिए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त मे से कोई भी मौजूद नही था। (New guidelines prepared for officers during the visit of Chief Justice in maharashtra)
भारत के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई द्वारा रविवार को मुंबई में आयोजित सम्मान समारोह और राज्य वकीलों के सम्मेलन में शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थिति पर निराशा व्यक्त करने के बाद, राज्य सरकार ने राज्य में सीजेआई की यात्रा के दौरान अधिकारियों के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।
मुख्य न्यायाधिस ने जताई नाराजगी
रविवार को शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए गवई ने कहा था "यदि राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त सीजेआई, जो महाराष्ट्र के अमरावती से हैं, के पहली बार दौरे पर नहीं आना चाहते हैं, तो उन्हें अपने कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।"
मंगलवार को सार्वजनिक की गई राज्य की प्रोटोकॉल की नई सूची भविष्य में सीजेआई की मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों की यात्रा के दौरान आधिकारिक शिष्टाचार का पालन सुनिश्चित करती है। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 2004 और 2022 के मौजूदा नियमों को रेखांकित किया है और सभी संबंधित अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधिस को अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में स्थायी राज्य अतिथि के रूप में नामित किया गया
महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियम, 2004 के अनुसार घोषित राज्य अतिथि की सूची में शामिल गणमान्य व्यक्तियों या जिन्हें ऐसा माना जाता है को राज्य प्रोटोकॉल उपखंड द्वारा हवाई अड्डों पर स्वागत और विदाई की व्यवस्था की जाती है। जिला स्तर पर, जिला कलेक्टर का कार्यालय नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों के माध्यम से इसी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित करता है। सीजेआई को अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में स्थायी राज्य अतिथि के रूप में नामित किया गया है।
इसके अनुसार, सीजेआई को नियमों के अनुसार सभी प्रोटोकॉल-संबंधी सुविधाओं का हकदार होना जारी रहेगा, जिसमें यात्रा के दौरान पूरे राज्य में आवास, वाहन व्यवस्था और सुरक्षा शामिल है। इसके अलावा, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक या एक वरिष्ठ प्रतिनिधि से गणमान्य व्यक्ति का स्वागत करने की अपेक्षा की जाती है। इसी तरह, जिलों में, जिम्मेदारी संबंधित जिला कलेक्टरों और आयुक्त या पुलिस अधीक्षक या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधियों पर होती है।