जहां कोरोना संकट के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है, वहीं मीडिया में खबरें चल रही हैं कि महाविकास आघाडी सरकार में 90 करोड़ रुपये मंत्रियों के बंगलों पर खर्च किए गए हैं। इसका खुलासा करते हुए, सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने दावा किया है कि सरकारी आवास पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया है।
लोक निर्माण विभाग ने सरकार में कुछ मंत्रियों सहित विपक्ष के नेता के कुल 31 बंगलों की मरम्मत के लिए निविदा जारी की थी। लेकिन कहा जाता है कि टेंडर मंजूर होने से पहले ही बंगलों की मरम्मत का काम शुरू हो गया था। यही नहीं, यह भी दावा किया जाता है कि इन बंगलों के काम पर 90 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इन बंगलों में वर्षा बंगला, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhhav thackeray) का आधिकारिक निवास और सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे का बंगला शामिल है। धनंजय मुंडे (Dhanjay munde) ने खुद इसका खुलासा किया है। कुछ मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि मंत्रियों के सरकारी आवासों पर बड़ी राशि खर्च की गई है। यह भी कहा जा रहा है कि मुझे मिलने वाले चित्रकूट निवास पर 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
काही माध्यमांमध्ये मंत्र्यांच्या शासकीय निवासस्थानांवर मोठा खर्च केल्याची बातमी येत आहे.त्यात मला मिळालेल्या चित्रकूट या निवासस्थानावर तीन कोटी रुपये खर्च केल्याचेही सांगण्यात येत आहे.मला या निवासस्थानाचा ताबा मिळून केवळ ८ दिवस झाले असून मी तेथे अद्याप एक रुपयाचा खर्च केला नाही.
— Dhananjay Munde (@dhananjay_munde) December 14, 2020
विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस (Devendra fadanvis) से मीडिया ने इस बारे में पूछा था। तो क्या पहले किसानों को आर्थिक मदद मिलती थी, बंगले पर कितना पैसा खर्च होता था? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसानों को कोई मदद दिए बिना केवल बंगलों पर पैसा खर्च करना गलत है।