पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार जमीनी स्तर पर रूपये की कमी के चलते भले ही कोई काम करे या ना करें लेकिन काम का प्रचार करने के लिए भारी भरकम खर्च जरूर करती है। आरटीआई से मिली एक जानकारी के मुताबिक़ मोदी की सरकार ने विभिन्न मीडिया के जरिए केवल प्रचार और विज्ञापनों पर 4,343.26 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि खर्च की है। मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) से मोदी सरकार के कार्यालय संभालने से लेकर अब तक की मीडिया में विज्ञापन और प्रचार पर खर्च की गई राशि की जानकारी मांगी थी।
प्रचार माध्यम में खर्च किये करोड़ों
मिली जानकारी को मुताबिक सरकार की तरफ से पिछले 46 महीने से विज्ञापन में 4343.26 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं। सरकार ने यह राशि देश भर में विभिन्न विभिनिन मीडिया माध्यमों पर योजनाओं के प्रचार पर खर्च किये हैं। ब्यूरो के वित्त सलाहकार तपन सुत्रधार ने बताया कि प्रिंट मीडिया में समाचार पत्र, मैगजीन और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में टीवी, इंटरनेट, रेडियो, डिजिटल सिनेमा, एसएमएस शामिल हैं। जबकि अन्य माध्यमों में पोस्टर, बैनर, डिजिटल पैनल, होर्डिंग, रेलवे टिकट शामिल हैं। विस्तृत जानकारी के लिए देखिये यह टेबल-
प्रचार माध्यम | 2014-15 (करोड़ रू.) | 2015-16 (करोड़ रू.) | 2016-17 (करोड़ रू.) | 2017-18 (करोड़ रू.) |
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प्रिंट मीडिया | 424.85 | 510.69 | 463.38 | - |
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया | 448.97 | 541.99 | 613.78 | 475.13 |
आउटडोर मीडिया | 79.72 | 118.43 | 185.99 | 147.10 |
कुल | 953.54 | 1,171.11 | 1,263.15 | 622.24 |
आरटीआई के अनुसार साल 2017 में अप्रैल महीने से लेकर दिसंबर तक के दौरान सरकार ने केवल प्रिंट मीडिया पर 333.23 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
आलोचना के बाद प्रचार में कमी
गलगली के मुताबिक विपक्ष और सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना के बाद सरकार ने इस साल प्रचार के खर्च में कमी की है। इस साल सरकार ने 307.69 करोड़ रुपये खर्च किए। गलगली ने आगे कहा कि हालांकि पिछले साल का कुल खर्च वर्तमान सरकार के पहले वर्ष की तुलना में फिर भी काफी अधिक है। गलगली के मुताबिक मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के मात्र नौ महीनों में ही 953.54 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे।