सोशल मीडिया पर फैल रही झुठी खबरों को लेकर अब केद्र सरकार ने काफी सख्ती दिखाई है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा की झुठी खबर छापने और फैलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी यहां तक की दोषी पाये जाने पर आरोपी की मान्यता को भी अस्थाई तौर पर रद्द किया जा सकता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया की अगर गलती बार बार दोहराई जा रही है तो अखबार या फिर संस्था की मान्यता को हमेशा के लिए रद्द किया जा सकता है। हालांकी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन गाइडलाइंस को वापस लेने का आदेश दिया है।
PIB Accreditation Guidelines asking Press Council of India & News Broadcasters Association to define & act against ‘fake news’ have generated debate. Several journalists & organisations have reached out giving positive suggestions regarding the same. 1/2
— Smriti Z Irani (@smritiirani) April 3, 2018
मुंबई में रेडी रेकनर रेट में बदलाव नहीं।
क्या थे गाइडलाइंस
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अहमद पटेल के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गैर-सरकारी संस्थाएं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन ही खबरों की पड़ताल करके ये फैसला लेगें कि न्यूज़ फेक है या नहीं। मंगलवार को सरकार ने पत्रकारों की मान्यता से संबंधित नए बदलाव किए हैं. फर्जी खबर चलाने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के प्रावधान इसमें किए गए हैं. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी की है कि फेक न्यूज लिखने वाले पत्रकारों की मान्यता हमेशा के लिए खत्म कर दी जाएगी।
फेक न्यूज की जांच प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन द्वारा की जाएगी। प्रिंट मीडिया से संबंधित मामलों की जांच पीसीआई और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जांच एनबीए करेगी। सरकार का मानना है कि इस कदम से फेक न्यूज का नियमन किया जा सकेगा। हालांकी की प्रधानमंत्री के फैसले के बाद इन गाइडलाइंस को वापस लिया जा सकता है।